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बासुकिनाथ में महाशिवरात्रि के लिए सज रहा मंदिर

दूधिया रोशनी में नहायेगा बाबा फौजदारीनाथ का दरबार

दूधिया रोशनी में नहायेगा बाबा फौजदारीनाथ का दरबार प्रतिनिधि, बासुकिनाथ महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवालयों में तैयारियां जोरों पर हैं और श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखा जा रहा है. मंदिर परिसर में स्थित सभी मंदिरों को सफेद रंग से रंगा जा रहा है, जिससे महाशिवरात्रि के दिन पूरा परिसर दूधिया आभा से जगमगाएगा. संगमरमर की दीवारों और फर्श की सफाई के लिए विशेष रसायनों का उपयोग किया जा रहा है. मंदिर प्रभारी और बीडीओ कुंदन भगत ने बताया कि बाबा के विवाह उत्सव में किसी प्रकार की कमी न हो, इसके लिए वह स्वयं तैयारियों की देखरेख कर रहे हैं. इस वर्ष भी महाशिवरात्रि का पावन पर्व भक्ति और आनंद के साथ मनाया जाएगा, साथ ही भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है. आगामी 26 फरवरी को पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ बाबा फौजदारीनाथ का विवाह गाजे-बाजे के साथ संपन्न होगा. इस दौरान मंदिर परिसर के सभी मंदिरों की सफाई और रंग-रोगन के साथ-साथ विवाह की तैयारियां भी जोरों पर चल रही हैं. महाशिवरात्रि के एक दिन पहले बाबा को उबटन लगाने की प्राचीन परंपरा निभाई जाएगी और संध्या समय सदावरत का वितरण किया जाएगा. वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गर्भगृह में लावा कांसा चढ़ाने की रस्म भी संपन्न होगी. महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा और आरती की जाएगी. महाशिवरात्रि से दो दिन पहले उतारे जायेंगे पंचशूल बासुकिनाथ मंदिर परिसर में स्थित शिव मंदिर के शिखर पर लगे पंचशूल को महाशिवरात्रि से दो दिन पहले उतारा जाता है. इस दौरान पंचशूल के दर्शन और उसे स्पर्श करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है. पंचशूल को नीचे लाकर एक दिन पहले विशेष पूजा की जाती है और फिर उसे पुनः मंदिर के शीर्ष गुंबद पर स्थापित कर दिया जाता है. इस दौरान बाबा और पार्वती मंदिरों के बीच स्थापित गठबंधन को हटा दिया जाता है, जिसे महाशिवरात्रि के दिन पुनः स्थापित किया जाता है. गठबंधन के लाल पवित्र कपड़े को प्राप्त करने के लिए भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. फूलों और रंगीन रोशनी से मंदिर का होगा श्रृंगार महाशिवरात्रि के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु सुल्तानगंज से कांवर में गंगाजल भरकर लगभग 105 किलोमीटर की पदयात्रा करते हुए बासुकिनाथ मंदिर पहुंचते हैं. मंदिर प्रबंधन ने इस अवसर पर फूलों और रंगीन रोशनी से मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाने का निर्णय लिया है. प्रभारी कुंदन भगत ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन मुख्य मंदिर समेत परिसर के सभी मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया जाएगा. इसके साथ ही मंदिर प्रांगण के फर्श की विशेष सफाई कराई जा रही है, ताकि श्रद्धालुओं को स्वच्छ और सुंदर वातावरण मिल सके. अन्य मंदिरों में भी मनाया जाएगा शिव विवाह जरमुंडी प्रखंड मुख्यालय सहित आसपास के विभिन्न गांवों में भी महाशिवरात्रि की तैयारियां जोरों पर हैं. जरमुंडी बाजार के दानीनाथ मंदिर, महाभारत कालीन पांडवेश्वरनाथ मंदिर, नीमानाथ शिव मंदिर, बाबा वरदानीनाथ मंदिर, दुखियानाथ शिव मंदिर और जोगेश्वरनाथ मंदिर सहित अन्य शिवालयों में मंदिर समितियों द्वारा रंग-रोगन और सजावट का कार्य किया जा रहा है. पंडित सुधाकर झा के अनुसार, महाशिवरात्रि का व्रत रखने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यह व्रत फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है, जिसका विशेष धार्मिक महत्व है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की चार प्रहर की पूजा की जाती है, जो भक्तों के लिए अत्यंत पुण्यदायी मानी जाती है.

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Prabhat Khabar News Desk
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