बासुकिनाथ. तालझारी वासंती दुर्गा मंदिर परिसर में विश्व कल्याणार्थ श्री श्री 108 शतचंडी महायज्ञ में लोगों की भीड़ लग रही है. बनारस से आये कथावाचक आचार्य अवधेश शास्त्री व महेंद्र शास्त्री ने कहा कि शतचंडी महायज्ञ से समस्त मानव जाति का कल्याण होता है. यह यज्ञ विश्व कल्याण के लिए किया जा रहा है. इससे मानव जाति और देवताओं दोनों का कल्याण होता है. बताया कि यह यज्ञ शक्ति की उपासना के लिए किया जाता है और इसमें भाग लेने से मनुष्य की आत्मा शुद्ध होती है और उसे आनंदित महसूस होता है. उन्होंने कहा कि यज्ञ कर्म को मनुष्यों एवं देवताओं के परस्पर कल्याण के लिए होना आवश्यक है, क्योंकि देवताओं को भोजन यज्ञ से प्राप्त होता है. देवताओं का प्रसन्न होना ही मानव कल्याण है. इसलिए यज्ञ को अति उत्तम माना जाता है. आचार्य ने बताया कि शतचंडी यज्ञ में देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए 700 श्लोकों का पाठ किया जाता है, जो एक निपुण ब्राह्मण ही कर सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि इस यज्ञ को करने से मनुष्य के जीवन में सुख, समृद्धि, शक्ति और शांति आती है. आचार्य ने कहा कि शतचंडी यज्ञ में भाग लेने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. इस यज्ञ में श्रद्धा और भाव से भाग लेने से मनुष्य को मां भगवती का आशीर्वाद प्राप्त होता है. यज्ञ के सफल संचालन में यज्ञ समिति के लखीनाराण दत्ता, अनूप कुमार, रतन बिहारी, सुबोध दत्ता, गौरीशंकर पांडेय, बालकृष्ण पांडेय, अनूप कुमार झा सहित दर्जनों सदस्य लगे हुए हैं.
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