श्रावणी मेला. 27वें दिन भी लगे बोलबम के जयकारे, रिंग रोड तक पहुंची थी कतार
प्रतिनिधि, बासुकिनाथराजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2025 के 27वें दिन गुरुवार को बाबा फौजदारीनाथ के दरबार में शिव भक्तों की भीड़ लगी रही. श्रावणी मेला सिर्फ धार्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक उत्सव भी है, जिसमें भक्त एक-दूसरे के साथ मिलकर भजन-कीर्तन करते हैं, नाचते-गाते हैं. अपनी भक्ति व्यक्त करते हैं. बाबा बासुकिनाथ की महिमा अपरंपार है. बोल बम के नारे, कांवरियों के उत्साह और भक्ति का प्रतीक हैं, यहां जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान शिव से मुराद मांगते हैं, उनकी मनोकामना जल्द पूरी होती है. इसके साथ ही धार्मिक मान्यता यह भी है कि कांवर यात्रा तभी पूरी मानी जाती है, जब सावन में श्रद्धालु सुल्तानगंज से गंगाजल उठाकर बाबाधाम में जलार्पण के बाद बाबा फौजदारीनाथ के दरबार पहुंचते हैं. जलाभिषेक करते हैं. यहां पर शिव भक्त जो भी मन्नत मांगते हैं वो जल्द ही पूरी होती है. यहां जलाभिषेक के बाद ही भक्तों की कांवर यात्रा पूरी होती है. दो बजे रात से ही मंदिर प्रांगण शिवगंगा घाट मेला परिसर कांवरियों से पटा रहा. सरकारी पूजा के बाद, तीन बजे भोर से कतारबद्ध कांवरियों ने गर्भगृह में जलार्पण शुरू किया. फौजदारी दरबार में पहुंचते ही कांवरियों की थकान मिट जाती है, यहां पर भक्तों की मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती है. मंदिर प्रबंधन के अनुसार 93 हजार कांवरियों ने बाबा फौजदारीनाथ पर जलार्पण कर मंगलकामना की. मंदिर परिसर बाबा के जयकारों से गूंजता रहा. शिवभक्तों ने कतारबद्ध होकर बाबा पर जलार्पण किया. मंदिर प्रांगण में अधिकारियों ने कांवरियों की कतार को सुचारू रूप से गर्भगृह में प्रवेश कराया. कांवरियों की कतार दर्शनीयाटिकर रिंग रोड से शिवगंगा रूट लाइन, क्यू कॉम्प्लेक्स, फलाहारी धर्मशाला व संस्कार मंडप होते हुए श्रद्धालुओं की कतार बोल बम के जयकारा के साथ मंदिर प्रांगण में प्रवेश करते हैं. कांवरियों की श्रद्धा भक्ति और आस्था देखते ही बन रही थी. मंदिर संकीर्तनशाला के पास जलार्पण काउंटर पर शिवभक्त कांवरियों ने जल डाला. मंदिर प्रबंधन के अनुसार 7,650 श्रद्धालुओं ने जलार्पण काउंटर का लाभ उठाया. काउंटर पर डाले गये जल सीधे पाइपलाइन द्वारा मंदिर गर्भगृह में शिवलिंग पर गिरता है. भक्त इसे इंटरनेट पूजा भी कहते हैं.
10,01,576 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई
मंदिर न्यास परिषद बासुकिनाथ को गुरुवार को मंदिर से कुल 10,01,576 रुपये प्राप्त हुए. मंदिर प्रभारी सह बीडीओ कुंदन भगत ने बताया कि मंदिर गर्भगृह गोलक से 1,29,620 रुपये व अन्य स्रोतों से 8,256 रुपये प्राप्त हुए. गोलक से निकले राशि की गिनती मंदिर प्रशासनिक भवन में सीसीटीवी व अधिकारी के निगरानी में कर्मियों द्वारा की गयी.
2879 कांवरियों ने किया शीघ्रदर्शनममंदिर कार्यालय के अनुसार गुरुवार को 2879 कांवरियों ने शीघ्रदर्शनम व्यवस्था का लाभ उठाया. शीघ्रदर्शनम कूपन से 8 लाख 63 हजार 700 रुपये प्राप्त हुए. इस व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं को मंदिर कार्यालय से 300 रुपये का रसीद कटाना पड़ता है. मंदिर सिंह दरवाजे से रसीद प्राप्त कर मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं को वीआइपी गेट से गर्भगृह में दर्शन पूजन कराया. शीघ्रदर्शनम व्यवस्था पर श्रद्धालुओं ने प्रसन्नता व्यक्त की. वहीं शिवगंगा में किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एनडीआरएफ की टीम तीन शिफ्ट में सक्रिय है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

