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बाबा फौजदारीनाथ की भक्ति में ओत प्रोत हुए कांवरिये, 1,55,456 कांवरियों ने जलार्पण किया, बासुकिनाथ नगरी में कांवरियों का सैलाब उमड़ा

मंदिर प्रबंधन के अनुसार 1,55,456 कांवरियों ने अरघा में जल डालकर कर बाबा फौजदारीनाथ का सुख समृद्धि की कामना की

बासुकिनाथ. राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2024 श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि बुधवार को बाबा फौजदारीनाथ के दरबार में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. सोमवारी से भी ज्यादा भीड़ उमड़ी हुई थी. भगवान शिव व पार्वती दोनों मंदिर में भीड़ नियंत्रित करने के लिए अरघा लगाया गया. मंदिर प्रबंधन के अनुसार 1,55,456 कांवरियों ने अरघा में जल डालकर कर बाबा फौजदारीनाथ का सुख समृद्धि की कामना की. मंदिर परिसर बाबा के जयकारे से गुंजता रहा. भोलेनाथ की प्रभातकालीन पुरोहित पूजा के बाद कांवरिया श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट को खोल दिया गया. पूरा मेला क्षेत्र एवं रुट लाइन केसरिया रंग से सराबोर है. सुबह तीन बजे से श्रद्धालु कतारबद्ध व सुरक्षित व्यवस्था के तहत भगवान नागेश का अरघा में जल डालना करना प्रारंभ किया. शाम पांच बजे भोलेनाथ की विश्राम पूजा के लिए कांवरियों का जलार्पण और पूजा रोक दी गई. इस बीच भोलेनाथ नागेश की षोडशोपचार पूजन के बाद क्षणिक विश्राम हेतु बाबा मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए. विश्राम पूजन के बाद मंदिर के कपाट पुनः खोले गए और कांवरियों ने फिर से मंदिर में जलार्पण करना शुरू किया, जो रात्रिकालीन श्रृंगार पूजा तक लगातार जारी रहा. महिला एवं पुरुष श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध होकर बाबा पर जलार्पण किया. मंदिर प्रांगण में अधिकारियों ने कांवरियों की कतार को सुचारू रूप से मंदिर प्रांगण में प्रवेश कराकर जलार्पण कराया. कांवरियों की श्रद्धा भक्ति व आस्था देखते ही बन रही थी. तीन बजे भोर से ही मंदिर में भक्तों का जो तांता चला वह शाम तक बनी हुई है. संध्या पूजा में कुछ देर के लिए विराम हुआ फिर जलार्पण अनवरत चल रहा है. कांवरियों की कतार संस्कार मंडप, फलाहारी धर्मशाला, क्यू कॉम्पलेक्स व शिवगंगा पीड़ तक सिमटी रही. मंदिर प्रबंधन के अनुसार 15,976 महिला पुरूष कांवरियों ने जलार्पण काउंटर पर जल डाला. शिवभक्तों ने एलइडी स्क्रीन पर भगवान भोलेनाथ का दर्शन कर यहां जलार्पण किया. पाइप लाइन द्वारा यह गंगाजल सीधे शिवलिंग पर गर्भगृह में गिरता है. काउंटर पर वैसे कांवरिया जलार्पण करते हैं जो कांवरिया शेड में कतारबद्ध नहीं होना चाहते.

16,37,665 रुपये की हुई आमदनी

शिव मंदिर न्यास पर्षद को सावन के बुधवार को विभिन्न श्रोतों से 16,37,665 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई. मंदिर गोलक से 81,350 रुपये नगद प्राप्त हुए. अन्य श्रोतों से 10,715 रुपये मंदिर को आमदनी हुई. मंदिर गोलक से निकले राशि की गिनती मंदिर प्रशासनिक भवन में सीसीटीवी व अधिकारी के निगरानी में किया गया.

5152 कांवरियों ने किया शीघ्रदर्शनम

शीघ्रदर्शनम व्यवस्था के तहत बुधवार को अबतक का सबसे ज्यादा 5152 श्रद्धालुओं ने बाबा फौजदारीनाथ की सुलभ जलार्पण किया. इस व्यवस्था के तहत शिव मंदिर न्यास पर्षद को 15 लाख 45 हजार 600 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई. इसके तहत कांवरियों को मंदिर कार्यालय से 300 रुपये का कूपन कटाकर मंदिर सिंह द्वार से उक्त श्रद्धालु को मंदिर प्रांगण में प्रवेश दिया गया. मंदिर प्रांगण स्थित विशेष द्वार से श्रद्धालु मंदिर गर्भगृह में प्रवेश कर जलार्पण करते हैं. वहीं 10 ग्राम चांदी के एक सिक्के तथा 5 ग्राम चांदी के सिक्के की बिक्री हुई. शीघ्रदर्शनम की बेहतर व्यवस्था पर अधिकांश कांवरियों ने प्रसन्नता व्यक्त की.

महामृत्युंजय मंत्र के जाप से मिलती है सभी कष्टों से मुक्ति

प्रतिनिधि, बासुकिनाथ

ॐ नम: शिवाय व महामृत्युंजय मंत्र के जाप से मिलती है सभी कष्टों से मुक्ति. दु:ख भय, रोग, मृत्युभय आदि दूर होकर मनुष्य को दीर्घायु कह प्राप्ति होती है. पंडित सुधाकर झा ने बताया कि विश्व शांति के लिए रूद्राभिषेक आदि का अनुष्ठान कराया जाता है, सावन मास में शिवोपासना में पार्थिव पूजा व शिव की मानस पूजा का विशेष महत्व है. मिट्टी का बरतन लेकर उसमें पानी भरकर पानी में बिल्व पत्र, आक, धतूरे के पुष्प, चावल आदि डालकर शिवलिंग को अर्पित करने चाहिए, जिसे हर मनोकामना पूरी होती है. ॐ नम: शिवाय पांच अक्षरों के मंत्र का जाप जो भी मनुष्य श्रद्धा भक्ति के साथ करते हैं व पत्र पुष्प और जल इत्यादि का सर्म्पण देवासुरेश्वर भगवान शंकर को एक बार भी करता है, तो वह अनंत फल प्राप्त करता है. मान्यता है कि समस्त लोकों, सृष्टियों तथा तीनों भुवनों में इस पांच अक्षरों वाले मंत्र से अधिक कुछ भी श्रेय नहीं है.

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