दुमका : दुमका के चतुर्थ जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेन्द्र नाथ मिश्रा ने पति मानिक हेम्ब्रम के हत्या के मामले में चुड़की मरांडी, उसकी ममेरी बहन गिनी हेम्ब्रम और मामा मताल हेम्ब्रम को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. भादवि की धारा 302 के तहत सश्रम आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपये जुर्माना तथा धारा 201 के तहत तीन साल का सश्रम आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. दोनों सजाएं साथ-साथ चलेगी.
जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. पिता मुसई हेम्ब्रम ने अपने बेटे मानिक हेम्ब्रम की 20 व 21 अगस्त 2012 की रात मारपीट कर गला दबा कर हत्या करने और साक्ष्य छुपाने की नीयत से शव को मकई के खेत में फेंकने का आरोप लगाते हुए अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवायी थी. जिसमें बताया था कि 19 अगस्त को उसके बेटे ने बहू के मामा को पीटा था. शाम के 4 बजे वह घर से निकला तो वापस नहीं लौटा.
पुलिस ने केस के अनुसंधान के क्रम में 27 अगस्त को मताल हेम्ब्रम को और 28 अगस्त को चुड़की मरांडी एवं गिनी हेम्ब्रम को गिरफ्तार किया था और तब से तीनों जेल में ही हैं. इस केस में 12 गवाहों ने कोर्ट में अपना बयान दर्ज करवाया जबकि तीनों अभियुक्तों का स्वीकारोक्ति बयान भी लिया गया. बताया कि उसकी भगिनी चुड़की का मूला हेम्ब्रम से अवैध संबंध था. इसे लेकर मारपीट हुई थी. 19 अगस्त को चुड़की मायके आयी तो पीछे से मानिक भी दो युवकों के साथ पहुंचा और तीनों ने शराब पी. दोनों युवक लौट गये जबकि मानिक रह गया. भगिनी और जमाई में रात में झगड़ा होने लगा. चुड़की ने पति का दोनों पैर दाब रखा था जबकि गिनी ने लाठी से मानिक के सिर पर कई वार किये. तीनों ने मिलकर मानिक की हत्या कर दी और शव को मकई के खेत में फेंक दिया. मामले में अभियोजन के ओर से एपीपी अजय कुमार साह एवं बचाव पक्ष के ओर से अधिवक्ता भीम प्रसाद मंडल ने जिरह में हिस्सा लिया.