उपेक्षा . नगर परिषद की सुस्ती से बच्चों में मायूसी, नहीं हुआ सपना पूरा
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चिल्ड्रेन पार्क में लटका हुआ है ताला
उपेक्षा . नगर परिषद की सुस्ती से बच्चों में मायूसी, नहीं हुआ सपना पूरा सौंदर्यीकरण के नाम पर सालों से बंद है पार्क 42 लाख रुपये की लागत से होना है सौंदर्यीकरण कार्य दुमका : शहर के अंदर इकलौते चिल्ड्रेन पार्क में ताला लटका हुआ है. चंद दिनों में सभी स्कूलों में शीतकालीन छुट्टियां शुरू […]
सौंदर्यीकरण के नाम पर सालों से बंद है पार्क
42 लाख रुपये की लागत से होना है सौंदर्यीकरण कार्य
दुमका : शहर के अंदर इकलौते चिल्ड्रेन पार्क में ताला लटका हुआ है. चंद दिनों में सभी स्कूलों में शीतकालीन छुट्टियां शुरू होंगी. पर इस बार की छुट्टियों में भी नगर परिषद की यह सुस्ती पार्क का मजा बच्चों को नहीं लेने देगा. नगर पर्षद ने एक दशक में लगभग सत्तर लाख रुपये इस पार्क में खर्च किये, पर उसकी उपयोगिता लगभग शून्य ही रही. बहुत कम ही दिन के लिए यह पार्क खुला रहा. सौंदर्यीकरण के नाम पर महीने-दो महीने नहीं सालों से इसे बंद करके रखा गया है.
जानकारी के मुताबिक लगभग 42 लाख रुपये की लागत से इस पार्क के सौंदर्यीकरण का कार्य कराने का जिम्मा संसार ग्रीन नाम की संवेदक कंपनी को दिया गया था. निविदा मिलने के कई महीने बाद यहां काम शुरु हुआ, पर उसकी प्रगति इतनी धीमी रही कि तीन साल गुजर जाने के बाद भी कार्य को पूरा नहीं कराया जा सका. नगर पर्षद के पदाधिकारी व जन प्रतिनिधि भी इसमें काफी शिथिल दिखे. अब जब काम पूरा हो गया है, तो उसे हैंडओवर करते हुए चालू कराने में उदासीनता बरती जा रही है. बता दें कि इसके संचालन के लिए भी नगर पर्षद ने निविदा आमंत्रित की थी. वह प्रक्रिया भी पूरी करा ली गयी है. पर अब तक नगर पर्षद इसे हैंडओवर ही नहीं करा पाया है कि वह संचालक को चलाने के लिए सुपुर्द कर सके.
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