विडंबना. ग्रामीण इलाकों में पदस्थापित अधिकांश नहीं दे रहे अपनी सेवा
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बिना सूचना के गायब हैं 20 डाॅक्टर
विडंबना. ग्रामीण इलाकों में पदस्थापित अधिकांश नहीं दे रहे अपनी सेवा बार-बार पत्र दिये जाने के बाद भी चिकित्सकों की सेवा नहीं मिल पा रही जिलेवासियों को नहीं मिल पा रही समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं दुमका : जिले के ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी चिकित्सक अपनी सेवा देना नहीं चाहते. यही वजह है कि हाल-फिलहाल के वर्षों […]
बार-बार पत्र दिये जाने के बाद भी चिकित्सकों की सेवा नहीं मिल पा रही
जिलेवासियों को नहीं मिल पा रही समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं
दुमका : जिले के ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी चिकित्सक अपनी सेवा देना नहीं चाहते. यही वजह है कि हाल-फिलहाल के वर्षों में जिन डाॅक्टरों का पदस्थापन ग्रामीण क्षेत्रों में हुआ है, उनमें से अधिकांश ने वहां सेवा नहीं दी है. वहीं बिना किसी सूचना के गायब हैं. जानकारी के मुताबिक पिछले चार साल से बीस चिकित्सक यहां योगदान करने के बाद से अपनी सेवा नहीं दे रहे. बार-बार पत्र दिये जाने के बाद भी उनकी सेवा नहीं मिल पा रही है. माना जा रहा है कि सरकारी नौकरी पाने के बाद ऐसे चिकित्सक निजी प्रैक्टिस में लग गये हैं.
ये डाॅक्टर लंबे समय से हैं अनुपस्थित
डॉ संजीव कुमार राकेश 20.07.16
डॉ रेणु कुमारी सिन्हा 21.08.16
डॉ उमेश कुमार 04.04.12
डॉ संजीव कुमार हेंब्रम 13.04.10
डॉ उत्तम कुमार मंडल 03.11.09
डॉ रामसकल हांसदा 16.12.15
डॉ असीफ अली खान 29.10.09
डॉ मनीष रंजन 03.11.09
डॉ खेलाराम हेंब्रम 03.11.09
डॉ प्रवीण कुमार 11.07.10
डॉ सन्नी 20.12.15
डॉ महेंद्र कुमार 01.07.12
डॉ रत्नेश कुमार 02.07.13
डॉ संगीत कुमार 06.09.12
डॉ प्रेरणा जे केरकेट्टा 16.03.12
डॉ मंजु तिर्की 20.05.13
डॉ अमित कुमार गुप्ता 13.07.14
डॉ ऐहरार हसन 09.04.14
डॉ सोनू कुमार 29.06.12
डॉ मेजुर इमाम 29.06.12
अपर मुख्य सचिव को भेजी रिपोर्ट
सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार साहा ने दुमका जिला में पदस्थापित ऐसे बीस चिकित्सा पदाधिकारियों की सूची स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव को भेजी है, जो लंबे समय से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित हैं. हालांकि इन चिकित्सकों के वेतन पर भी रोक लगी हुई है.
171 में 79 ही हैं पदस्थापित
दुमका जिले में चिकित्सकों के 171 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 79 ही पदस्थापित हैं. लंबे समय से अनुपस्थित चिकित्सकों की संख्या पदस्थापित चिकित्सकों की तुलना में 25 फीसदी है. योगदान के बाद से लगातार अनुपस्थित रहने से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हो रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ चिकित्सकों को प्रतिनियुक्ति किये जाने से सदर अस्पताल में भी चिकित्सकों की कमी अब तक दूर नहीं हो सकी है. जिससे जिलेवासियों को रोजाना दो-चार होना पड़ रहा है.
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