मांग. सदान एकता परिषद की बैठक में छाया रहा दुमका की उपेक्षा का मुद्दा, कहा
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सही मायने में उपराजधानी बने दुमका
मांग. सदान एकता परिषद की बैठक में छाया रहा दुमका की उपेक्षा का मुद्दा, कहा दुमका : सदान एकता परिषद की बैठक रविवार को केंद्रीय अध्यक्ष राधेश्याम वर्मा की अध्यक्षता में हुई. जिसमें दुमका का उपराजधानी के अनुरूप विकास और संपूर्ण दर्जा को लेकर विचार-विमर्श किया गया. वक्ताओं ने सरकार से दुमका को पूर्ण उपराजधानी […]
दुमका : सदान एकता परिषद की बैठक रविवार को केंद्रीय अध्यक्ष राधेश्याम वर्मा की अध्यक्षता में हुई. जिसमें दुमका का उपराजधानी के अनुरूप विकास और संपूर्ण दर्जा को लेकर विचार-विमर्श किया गया. वक्ताओं ने सरकार से दुमका को पूर्ण उपराजधानी का दर्जा देने की मांग की. कहा कि 15 नवंबर 2000 को झारखंड राज्य बनने के बाद दुमका को उपराजधानी का दर्जा तो दिया गया था, जिससे इस क्षेत्र की जनता आशान्वित हुई थी कि इस क्षेत्र का समुचित विकास होगा.
उपराजधानी में उद्योग-धंधे स्थापित होंगे. शिक्षा, स्वास्थ्य की व्यवस्था में सुधार होगी. पलायन रुकेगा. लेकिन खेद है कि आज भी शिक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए यहां के लोगों को अन्यत्र जाना पड़ता है. यह क्षेत्र अब उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र घोषित हो चुका है. उपराजधानी के अनुरूप यहां आधारभूत संरचना विकसित नहीं की गयी. वक्ताओं ने कहा कि स्वतंत्रता व गणतंत्र दिवस पर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री द्वारा झंडोत्तोलन मात्र कर दिया जाना उपराजधानी की पहचान दिलाने के लिए काफी नही है.
उच्च न्यायालय के खंडपीठ और न ही मिनी सचिवालय यहां बनाया गया. संताल परगना क्षेत्रीय विकास प्राधिकार का वर्षो से गठन नहीं किया जा सका. क्षेत्रीय विकास आयुक्त का पद सृजित किया जाता तो कुछ विकास भी हो पाता. अध्यक्ष राधेश्याम वर्मा ने कहा कि संताल परगना बिहार के समय में उपनिवेश बन कर था, आज भी यह स्थिति बरकरार है. उन्होनें ने कहा कि रघुवर सरकार कहती है कि वह संताल परगना के विकास के लिए प्रतिबद्ध है.
ऐसे में उन्हें चाहिए कि वे उपराजधानी को उसके अनुरूप विकास करे. समाज कल्याण मंत्री डाॅ लोइस मरांडी, कृषि मंत्री रणधीर सिंह व राज पलिवार मंत्रिमंडल में संताल परगना से ही विधायक बनकर गये हैं. इन सबों के लिए भी उपराजधानी का दर्जा दिलाना चुनौतीपूर्ण है. ऐसी परिस्थति बनी रही तो वह दिन दूर नहीं जब संतालपरगना को अलग करने की मांग यहां की जनता करेगी. बैठक में तय किया गया कि परिषद जल्द ही एक मांग पत्र तैयार कर राज्य सरकार को सौपेंगी. मौके पर विजय कुमार सोनी, विपिन बिहारी प्रसाद, लक्ष्मीकांत लोकेश, गोपाल पंजियारा, रामानंद मिश्र, प्रफुल द्विवेदी, सीएन मिश्रा, संतोष कुमार भादोरिया, जयशंकर साह, सपन सिंहा, जयंत दत्ता, अजय केशरी, कांता दास, विश्वनाथ साह,सुरेंद्र यादव, कालेश्वर मंडल, राजेश कुमार, जय कुमार साह मौजूद थे.
परिषद की मांगें
संप क्षेत्रीय विकास प्राधिकार का हो गठन
दुमका को पूर्ण उपराजधानी का दर्जा देने की मांग
कहा, घोषणा के बाद भी नहीं हो सका है उपराजधानी के तर्ज पर विकास
क्षेत्र में आधारभूत संरचना के विकास की मांग
कहा, इसी तरह उपेक्षा होता रहा तो संप को अलग राज्य बनाने की उठायेंगे मांग
शिक्षा, स्वास्थ्य की व्यवस्था हो दुरुस्त
प्रतिभाओं के पलायन रोकने पर जोर
उच्च न्यायालय के खंडपीठ और मिनी सचिवालय को जल्द बनाने की मांग
जल्द सौंपेगा मांगपत्र
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