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दुमका : जांच के भय से अवकाश के दिन भी कागजात दुरुस्त करने में जुटे कर्मी

दुमका : प्रभात खबर में भूमि संरक्षण विभाग के तालाब निर्माण व जीर्णोद्धार से संबंधित योजनाओं में भारी गड़बड़ी उजागर होने के बाद विभाग व प्रशासनिक महकमें में हड़कंप मच गया है. जांच के भय से गणेश चतुर्थी (अवकाश) के दिन भी भूमि संरक्षण विभाग के पदाधिकारी कार्यालय में दस्तावेजों को दुरुस्त करने का काम […]

दुमका : प्रभात खबर में भूमि संरक्षण विभाग के तालाब निर्माण व जीर्णोद्धार से संबंधित योजनाओं में भारी गड़बड़ी उजागर होने के बाद विभाग व प्रशासनिक महकमें में हड़कंप मच गया है.
जांच के भय से गणेश चतुर्थी (अवकाश) के दिन भी भूमि संरक्षण विभाग के पदाधिकारी कार्यालय में दस्तावेजों को दुरुस्त करने का काम कर रहे थे. कार्यालय की गेट का अंदर से ताला बंद था. विभाग के लिपिक राम प्रसाद कामती काम कर रहे थे. पूछा गया, तो बताया कि कल टीम आने वाली है. उन्हें सारे दस्तावेज दिखाना है. इसी कारण सारी तैयारी की जा रही है. लिपिक ने बताया कि तालाब से संबंधित योजनाओं की समस्त संचिकाएं, जो वित्तीय वर्ष 2016-17 की थी, उसे वरीय पदाधिकारी बुधवार को ले गये हैं.
दो सदस्यीय टीम तीन दिनों तक करेगी जांच : उधर, चारा घोटाला सरीखे गड़बड़ी को गंभीरता से लेते हुए दुमका में क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं में बरती गयी अनियमितताओं की जांच के लिए विभागीय निदेशक ने दो सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी है.
भूमि संरक्षण अनुसंधान केंद्र के उप निदेशक संतोष कुमार की नेतृत्व वाली यह टीम शुक्रवार को दुमका पहुंचेगी और तीन दिन तक रहकर सभी पहलुओं की पड़ताल करेगी. भूमि संरक्षण पदाधिकारी राम कुमार सिंह को इस टीम के निरीक्षण के दौरान आवश्यक सूचनाएं व अभिलेख उपलब्ध कराने को कहा गया है.
पानी पंचायत के अध्यक्ष सचिवों में खलबली : लूट-खसोट तथा मोटरसाइकिल, थ्री-व्हीलर और लक्जरी कार के नंबरों को ट्रैक्टर, जेसीबी का जिक्र कर बड़े पैमाने पर हुई निकासी कर लिए जाने की खबर से जिला कार्यालय से लेकर गांव स्तर पर हड़कंप है. खासकर इस तरह की योजनाओं में माफियागिरी करने वाले बिचौलिये, मिट‍्टी उठाने के लिए गाड़ी का बिल देने वाले लोगों तथा पानी पंचायत के अध्यक्ष-सचिवों में खलबली मची है. सभी को जांच का भय सता रहा है.
डोभा निर्माण में भी बरती गयी अनियमितता
जांच के लिए आनेवाली टीम को डोभा निर्माण में भी हुई अनियमितताओं के विरुद्ध 10 बिंदुओं पर पड़ताल करने को कहा गया है. इनमें राज्यादेश, प्राप्त आवंटन, लाभुकों की सूची, स्वीकृत राज्यादेश के अनुरुप प्रखंडवार डोभा निर्माण से संबंधित लक्ष्य, भुगतान की प्रक्रिया, लाभुकों के चयन में अपनायी गयी प्रक्रिया, रोकड़ पंजी के संधारण, संधारित योजनाओं के संचिका की मूल प्रति आदि की जांच भी यह टीम करेगी.
गड़बड़ी की जांच सीबीआइ से हो: बाबूलाल
झाविमो के अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने दुमका में भूमि संरक्षण विभाग से तालाब जीर्णोद्धार की योजनाओं में भारी घपले-घोटाले की बात पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने जिलास्तरीय पदाधिकारियों द्वारा उन योजनाओं के अभिलेखों को जांच के लिए कब्जे में लिए जाने पर कहा है कि ऐसे मामले की जांच सरकार को सीबीआइ से करानी चाहिए. मरांडी ने कहा कि वे पहले से कहते रहे हैं कि ऐसी योजनाएं लूटने-लुटाने के लिए ही बनी हैं.
स्थानीय स्तर पर इसकी जांच इसलिए नहीं हो सकती, क्योंकि जो भी अधिकारी इसकी जांच करेंगे, वे इसमें शामिल हैं. उनका मानना है कि वे अगर जांच करेंगे, तो निष्पक्ष जांच नहीं कर सकते. सीबीआइ से जांच होगी, तो पता चल जायेगा कि कितना बड़ा घोटाला हुआ है. हमें लगता है कि ऐसी गड़बड़ी पूरे राज्य में हुई होगी.

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