प्रतिनिधि, मसलिया मसलिया प्रखंड क्षेत्र की कोलारकोंदा व कठलिया पंचायत के 10 मजदूर कर्नाटक में फंसे हैं. पैसा के अभाव में घर नहीं लौट पा रहें है. फंसे मजदूरों ने झारखंड सरकार से घर वापस लाने का गुहार लगायी है. कर्नाटक में फंसे मजदूर पुलिस हांसदा ने दूरभाष पर बताया कि हम सब के मजदूरों के पास न तो खाने का पैसा है. न घर लौटने का पैसा है. कहा कि प्रखंड क्षेत्र के धरमपुर, सागबाड़ी, सुपाईडीह एवं पालन गांव से वे लोग रोजगार की तलाश में कर्नाटक गये थे. सुशील मरांडी, मुकेश मुर्मू, गणेश हेंब्रम, सुफल मरांडी, साहिल हेंब्रम, प्रदीप मुर्मू, संजय मरांडी, प्रेम चांद बास्की व फिलिमन टुडू के साथ मजदूरी करने के लिए कर्नाटक के लिए निकले थे. वे लोग 24 सितंबर को कर्नाटक पहुंचे. उन लोगों को कंपनी के ठेकेदार मनोज व नित्यानंद नामक व्यक्ति ने फोन के माध्यम से बुलाया था. उसी समय छह महीना तक ही काम करने की बात कही गयी थी. यह अवधि एक मार्च को पूरा हो गया. चार माह का वेतन बैंक खाते में दे दिया गया है. बाकी दो माह का बकाया है. एक अप्रैल को घर आने के लिए बकाया वेतन की मांग कंपनी के ठेकेदार से की तो ठेकेदार ने कहा कि अभी किसी को घर जाने नहीं देंगे. एक अप्रैल से काम पर जाना भी बंद कर दिया तो ठेकेदार ने मजदूरी का पैसा देने से इंकार कर दिया. न ही भोजन के लिए राशन दे रहा है. न पैसा दे रहा है. उन लोगों के पास मात्र एक दिन का राशन बचा है. किसी मजदूर के पास नकद नहीं है. बताया कि वे लोग उस फैक्टरी में पाइप बनाने का काम करते हैं. मजदूरों ने झारखंड सरकार से मजदूरी भुगतान करवाने के साथ साथ घर पहुंचाने की गुहार लगायी है.
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