Dhanbad News : जियलगोड़ा मानस मंदिर में नौ दिवसीय मानस महाधिवेशन के छठे दिन शनिवार को अयोध्या से आये कथा वाचक अखिलेश जी उपाध्याय ने प्रवचन में स्थायी-अस्थायी सुख की गहन विवेचना की. कहा कि भौतिक सुख अस्थायी होता है. इसमें जीवन की बेहतरी के लिए विलासिता के हर साधन मौजूद रहते हैं. इसके विपरीत स्थायी सुख प्रभु के चरणों में ही मिलता है. इसमें प्रभु से जुड़ना व भक्ति करना शामिल है. गिरिडीह के भजन कथा वाचक अनिल पाठक भी मौजूद थे. शनिवार को उषा काल से ही सैकड़ों महिला भक्तों ने मानस मंदिर की परिक्रमा की. आयोजक मंडली में मानस मंदिर कमेटी के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे.
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