Dhanbad News: भागवत दास, पूर्वी टुंडी. पूर्वी टुंडी अंचल की लटानी पंचायत अंतर्गत बरवाटांड़ मौजा में वन भूमि की 1.67 एकड़ जमीन का फर्जी तरीके से म्यूटेशन करने के मामले में तत्कालीन अंचलाधिकारी देवराज गुप्ता और तत्कालीन सीआइ नीरज कुमार दोषी पाये गये हैं. प्रशासनिक जांच रिपोर्ट के आधार पर इन दोनों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही व निलंबन की अनुशंसा की गयी है. मामला वर्ष 2024 का बताया जाता है.
क्या है मामला
पूर्वी टुंडी अंचल के बरवाटांड़ मौजा स्थित वन विभाग की 18.40 एकड़ जमीन में से 1.67 एकड़ के म्यूटेशन के लिए लटानी पंचायत के फतेहपुर निवासी जाकिर अंसारी ने वन विभाग से एनओसी की मांग की थी. लेकिन वन विभाग ने इस जमीन को अपनी संपत्ति बताते हुए एनओसी देने से इंकार कर दिया और इस संबंध में एक पत्र भी जारी किया. इसी बीच जाकिर अंसारी ने किसी पंडित नामक बिचौलिये के साथ मिल कर फर्जी एनओसी का जुगाड़ कर लिया. जांच टीम द्वारा पूछताछ के क्रम में यह पता चला कि यह फर्जी एनओसी भुईंफोड़ स्थित त्रिवेणी कुटीर निवासी नीरज कुमार (पूर्वी टुंडी के तत्कालीन सीआइ) ने दी थी. जांच में यह भी पता चला कि अंचल कार्यालय में 1.67 एकड़ जमीन के म्यूटेशन के लिए जमा किया गया वन विभाग का एनओसी पूरी तरह फर्जी था.नारायणपुर में पदस्थापित हैं देवराज गुप्ता और झरिया में नीरज कुमार
वन विभाग द्वारा की गयी शिकायत के आधार पर अपर समाहर्ता के आदेश पर भू-अर्जन पदाधिकारी रामनारायण खलको की अध्यक्षता में एक जांच टीम गठित कर पूरे मामले की गहन जांच की गयी. इस जांच रिपोर्ट को अपर समाहर्ता विनोद कुमार ने अपनी अनुशंसा के साथ डीसी को सौंप दी है. अपर समाहर्ता ने बताया कि जांच रिपोर्ट में पूर्वी टुंडी के तत्कालीन सीओ देवराज गुप्ता और सीआइ नीरज कुमार प्रथमदृष्टया दोषी पाये गये हैं. दोनों के खिलाफ तत्काल निलंबन के साथ-साथ विभागीय कार्यवाही की भी अनुशंसा की गयी है. देवराज गुप्ता फिलहाल नारायणपुर (जामताड़ा) के सीओ हैं, जबकि नीरज कुमार बतौर उप निरीक्षक झरिया अंचल में कार्यरत हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है