धनबाद.
गुरुनानक कॉलेज भूदा कैंपस में सांस्कृतिक संध्या ””मेला बैसाखी दा”” का आयोजन किया गया. इसमें कॉलेज के सांस्कृतिक विभाग के सदस्यों एवं विद्यार्थियों ने नृत्य व गीत के माध्यम से पंजाब की विविध परंपराओं और संस्कृति को जीवंत कर दिया. कार्यक्रम में 14 लोकगीतों और नृत्य की प्रस्तुति दी गयी. इसकी शुरुआत गुरुनानक कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजय प्रसाद के स्वागत भाषण से हुई. कॉलेज के अध्यक्ष सरदार आरएस चहल ने ऐसी समृद्ध संस्कृति का जश्न मनाने और उससे जुड़ने के लिए ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की प्रासंगिकता के बारे में अपने विचार साझा किये. इस अवसर पर गुरुनानक कॉलेज की वार्षिक पत्रिका का चौथा संस्करण “बैशाखी-2025 ” का विमोचन किया गया. वहीं कॉलेज के उन छात्र-छात्राओं को विशेष सम्मान से सम्मानित किया गया, जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से काॅलेज का नाम रोशन किया.कई लोगों को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम के प्रथम सत्र का संचालन डॉ मीना मालखंडी ने किया. कल्चरल सत्र का संचालन निष्ठा सूद ने किया. गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (बड़ा गुरुद्वारा) के अध्यक्ष सह कॉलेज शासी निकाय के सचिव सरदार डीएस ग्रेवाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया. कार्यक्रम में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बड़ा गुरुद्वारा, धनबाद की ओर से सरदार मंजीत सिंह सलूजा, सरदार तेजपाल सिंह, सरदार मंजीत सिंह, सरदार गुरचरण सिंह मांजा, सरदार राजेंदर सिंह एवं सरदार सत्येंद्र सिंह मेहता, कॉलेज शासी निकाय के सदस्य (अकादमिक ) एवं कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो पी शेखर को सम्मानित किया गया. आयोजन में गुरुगोबिंद सिंह स्टडी सर्किल धनबाद के सदस्य, बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के भूतपूर्व छात्र कल्याण संकाय अध्यक्ष, डॉ देबजानी बिश्वास एवं डॉ एसके सिन्हा, बांग्ला विभाग की अवकाश प्राप्त प्राध्यापिका डॉ शर्मीला बनर्जी सहित गुरुनानक कॉलेज के सभी शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मी, पूर्ववर्ती छात्र संगठन के सदस्य, एनएसएस वॉलंटियर्स, एनसीसी वॉलंटियर्स एवं धनबाद शहर के सिख समाज के लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे.
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