पुराना बाजार और हीरापुर फल मंडी में सबसे अधिक भीड़
हर गली-नुक्कड़ पर सजे हैं अस्थायी ठेलेधनबाद.
महापर्व छठ की खरीदारी को लेकर धनबाद के बाजारों में रविवार को भारी भीड़ उमड़ी. रविवार को खरना के साथ ही पूरा कोयलांचल छठी मइया के गीतों से गुंजायमान है. पुराना बाजार और हीरापुर फल मंडी में सुबह से लेकर देर शाम तक खरीदारी को लेकर भीड़ लगी रही. इसके अलावा बरटांड़, बेकारबांध, पुलिस लाइन और स्टील गेट के बाजार भी लोगों ने फल-फूल और पूजन सामग्री की खरीदारी की. शहर की हर गली और नुक्कड़ पर फलों और पूजन सामग्री के अस्थायी ठेले सजे हैं.फलों की महंगाई पर भी नहीं टूटा उत्साह
इस बार फलों की कीमतों में तेज़ उछाल देखने को मिल रहा है. सेब, केला, नारियल, मौसमी, सिंघाड़ा, ईंख, संतरा और कच्ची हल्दी, अदरख तथा पूजन समाग्रियों के दाम गत वर्ष की तुलना में 15 से 25 प्रतिशत तक की बढ़ गये हैं. फिर भी महापर्व के उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही. लोग कह रहे हैं कि ‘छठ तो हर हाल में करना है’. लोगों का यही उत्साह बाजारों में भी देखने को मिल रहा है. सोमवार की दोपहर तक खरीदारी की उम्मीद है. सोमवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ की तैयारियों के लिए लोग बड़े पैमाने पर फल और पूजन सामग्री की खरीदारी करेंगे.फल मंडी में छठ को लेकर खास तैयारी
कृषि बाजार और फल मंडी में भी छठ को लेकर खास तैयारी की गयी है. यहां ट्रक के ट्रक फल पहुंच रहे हैं और थोक व्यापारियों ने खुदरा विक्रेताओं के लिए अस्थायी स्टॉल लगाया है. पिछले साल की तुलना में सेब, अनार और अनानास जैसे फलों की कीमतों में 20 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. बाजारों की रौनक, फलों की खुशबू, और पूजा सामग्री से सजे ठेले इस बात का गवाह है कि महंगाई हो या भीड़, छठ का उत्साह कभी कम नहीं होता. छठी मइया की आराधना में डूबे कोयलांचल में उत्सव का माहौल है.थोक व खुदरा मूल्य में अंतर
धनबाद में थोक व फलों के खुदरा मूल्य में काफी अंतर देखने को मिल रहा है. यह अंतर सेब, संतरा और केला में अधिक देखने को मिल रहा है. कृषि बाजार में जहां केला का कांधी 200 से लेकर 300 रुपये में मिल रहा है. वहीं खुदरा मूल्य 350 से लेकर 650 रुपये तक है. वहीं थोक बाजार में सेब की कीमत सात से आठ किलो की पेटी का मूल्य 400 से 450 रुपये है. जबकि खुदरा बाजार में इसी पेटी की कीमत 600 रुपये तक है. वैसे सेब 100 से 120 रुपये तक प्रति किलो बिक रहा है. वहीं अन्य फलों की थोक और खुदरा मूल्य में 20 से 30 प्रतिशत तक अंतर है.कोशी, सूप और डाला की बढ़ी मांग
छठ को लेकर कोशी, सूप और डाला की खूब खरीदारी हो रही है. सूप पिछले साल के बराबर बिक रहे हैं. वहीं डाला की कीमत पिछले वर्ष से 10 प्रतिशत अधिक है. वहीं कोशी की कीमत भी पिछले वर्ष की तरह ही 150 से 200 प्रति पीस है. इसके साथ ही मिट्टी के ढक्कन और दीये की लोग खरीदारी कर रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

