धनबाद : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार काे यहां कहा कि केंद्र सरकार की भूमि अधिग्रहण नीति मंजूर नहीं है. राज्य में एक डिसमिल जमीन का भी अगर केंद्र सरकार अधिग्रहण करती है, तो नौकरी और मुआवजा दोनों देना होगा. नहीं दिया, तो यहां कोयला उत्पादन नहीं होने देंगे. सरकारी भूमि पर भी कोयला उत्खनन के लिए नौकरी, मुआवजा देना होगा.
यहां गोल्फ मैदान में झामुमो के 48 वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर जम कर हमला बोला. उन्हाेंने कहा कि जब दुनिया झारखंड को नहीं जानती थी, तब भी धनबाद का नाम पूरी दुनिया में था. यहां के कोयले से पूरा देश रोशन हो रहा है, लेकिन धनबाद के लोगों को इसके बदले में भूख व बेरोजगारी मिली.
यहां के लोगों की जमीन छीनी गयी, लेकिन उन्हें नियोजन व मुआवजा नहीं मिला. बिजली तक सही ढंग से नहीं मिलती. केंद्र सरकार का नया भूमि अधिग्रहण कानून गरीब व किसान विरोधी है. झारखंड के लोगों को यह कानून मंजूर नहीं है. अब एक डिसमिल जमीन भी किसी की ली गयी, तो नौकरी देनी होगी. नहीं तो उस जमीन पर कोयला का उत्पादन नहीं होने देंगे. सरकारी भूमि पर भी यह बात लागू होगी.
पारा शिक्षक, सेविका-सहायिका को हक दिलायेंगे : सीएम ने कहा कि झारखंड के पारा शिक्षकों, आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत सेविका, सहायिका, रोजगार सेवकों को उनका हक दिलायेंगे. अभी तो सरकार बने हुए एक माह ही हुए हैं. थोड़ा समय दें. कहा लोगों की काफी अपेक्षाएं हैं. भगवान से अपील करते हैं कि जनता की अपेक्षा पर खरा उतरने की शक्ति दें. कहा ऐसा काम करना है कि हर बार यहां झारखंड के लोगों की ही सरकार बने. जहां भी गड़बड़ी हो, वहां के लोग उसका पुरजोर विरोध करें.