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नियम से कॉलेज प्रबंधन छात्र दोनों को नुकसान

धनबाद: विभावि के निजी बीएड कॉलेजों की 17 जून से परीक्षा शुरू होने की घोषणा के बाद भी समस्याएं थमी नहीं हैं. परीक्षा संबंधी यह आदेश कोर्ट का अंतरिम आदेश है. अभी अंतिम फैसला आना बाकी है. जब तक अंतिम फैसला नहीं आता निजी बीएड कॉलेजों को विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित विषयवार सीट पर ही नामांकन […]

धनबाद: विभावि के निजी बीएड कॉलेजों की 17 जून से परीक्षा शुरू होने की घोषणा के बाद भी समस्याएं थमी नहीं हैं. परीक्षा संबंधी यह आदेश कोर्ट का अंतरिम आदेश है. अभी अंतिम फैसला आना बाकी है.

जब तक अंतिम फैसला नहीं आता निजी बीएड कॉलेजों को विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित विषयवार सीट पर ही नामांकन लेना होगा. अगर ऐसा हुआ तो निजी बीएड कॉलेजों को भारी आर्थिक नुकसान तो होगा ही, बड़ी संख्या में छात्र-छात्रएं बीएड कोर्स करने से वंचित रह जायेंगे.

नामांकन में कोई असमंजस नहीं : निजी बीएड कॉलेजों में नामांकन लेने को इच्छुक स्टूडेंट्स में हिचकिचाहट है कि परीक्षा की तरह कहीं इन कॉलेजों में नामांकन पर भी रोक तो नहीं. जीएन कॉलेज के प्राचार्य डॉ पी शेखर का कहना है कि रोक केवल परीक्षा पर थी. अगर कॉलेज की मान्यता बरकरार हो तो निजी कॉलेजों के नामांकन पर कोई रोक नहीं है.

क्या है समस्या : गोविंदपुर स्थित अल इकरा बीएड कॉलेज को छोड़ विभावि अंतर्गत 26 निजी बीएड कॉलेजों के लिए दस विषयों में कुल सौ-सौ सीटें निर्धारित हैं. अलक्ष्करा बीएड कॉलेज में सीट की संख्या 150 है. दस विषयों में कई विषय ऐसे हैं, जिसमें नामांकन के लिए स्टूडेंट नहीं मिलते. ऐसे में वह सीट रिक्त रह जाने की स्थिति में दूसरे विषय में निर्धारित सीट से बढ़ा कर नामांकन ले लिया जाता था. निजी बीएड कॉलेजों के इसी कार्यकलाप पर विभावि ने इनके परीक्षा पर रोक लगा दी थी . नियम के अनुरूप विषयवार निर्धारित सीट पर नामांकन लेने पर मांग वाली सीटें तो फुल हो जायेंगी, लेकिन जिसकी मांग नहीं हैं, उन विषयों में सीटें खाली रह जायेंगी.

क्या है केस की स्थिति : मामले में कोर्ट ने सरकार से यह जवाब मांगा है कि निजी बीएड कॉलेजों में विषयवार निर्धारित सीट पर नामांकन के बाद बचे रिक्त सीटों की भरपाई क्या सरकार करेगी. इस पर अभी सरकार का जवाब प्राप्त नहीं हुआ है. जानकार सूत्रों के अनुसार जुलाई तक फैसला होने के आसार हैं. तब तक नामांकन कार्य लगभग समाप्त हो जायेगा.

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