सारठ. झारखंड को देश के नक्शे पर उदय करने वाले दिशोम गुरु शिबू सोरेन आज हमारे बीच नहीं है. पर वे हमारे विचारों में हमेशा अमर रहेंगे. यह बातें सारठ के झामुमो कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान झामुमो के सारठ विधायक उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह ने कही. विधायक ने कहा कि मुझे आज बहुत गर्व है कि वे संताल परगना क्षेत्र से पहली बार सांसद बने थे. संताल परगना का सारठ विधानसभा क्षेत्र के बसाहा, जमुअसोल, राम चन्द्रडीह, सिमलगढ़़ा, बहादुरपुर, तेतुलबंधा आदि गांवों में 70 के दशक में आकर समाज के साथ अन्य लोगों को जोड़ कर संगठन बनाकर महाजनों के खिलाफ आंदोलन किया. इसी क्षेत्र को अपना राजनीति केंद्र मानकर आंदोलन किया. गुरुजी ने दुमका संताल परगना को देश में पहचान दिलायी. झारखण्ड राज्य लिया और हम आज उनके आंदोलन की बदौलत झारखंडी कहला रहे हैं. सिंह ने कहा कि जब वे पहली बार 1977 मे बभनगामा पंचायत से मुखिया और प्रखंड प्रमुख चुने गये. उसी दौरान बसाहा में गुरुजी से पहली मुलाकात हुई थी और उन्हें गुरुजी कहना शुरू कर दिया था. विधायक सिंह ने कहा कि दिशोम मतलब समाज और गुरु जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाये. कहा कि गुरुजी ने आदिवासी समाज को देश में एक पहचान दिलायी है. हम भी अपने को झारखंडी होने का गर्व करते हैं वे उन्हीं का प्रताप है. विधायक ने कहा कि गुरुजी उनके पिता तुल्य और संपूर्ण झारखंड के भीष्म पितामह हैं. उन्होंने कहा कि वे केंद्र सरकार से मांग करते है कि झारखंडी नायक गुरुजी को भारत रत्न से सम्मानित करें. यह गुरुजी के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी. मौके पर अनिल राव, इशरार मिर्जा, केलू सिंह, उमेश गुप्ता, विक्रम सिंह, पोचन चंद आदि मौजूद थे. हाइलार्ट्स : सारठ के झामुमो कार्यालय में विधायक ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
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