देवघर. रिखियापीठ में अक्षय तृतीया के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय अनुष्ठान की पूर्णाहुति शुक्रवार को हुई. स्वामी निरंजनानंद व स्वामी सत्संगीजी की उपस्थिति में तमिलनाडु ललिता महिला समाजम की दक्ष योगिनियों द्वारा मां त्रिपुरसुंदरी की आराधना की गयी. कन्याओं ने कीर्तन और नृत्य से देवी मां की आराधना की. स्वामी निरंजनानंद ने कहा कि, अक्षय तृतीया के इस पावन अवसर पर अच्छे कार्यों का लिया गया संकल्प निश्चित रूप से पूरा होता है. इस अनुष्ठान में भाग लेने वाले सभी श्रद्धालु अपने घर जाकर दूसरों के कल्याण का संकल्प लेंगे तो निश्चित तौर पर जीवन में समृद्धि और उन्नति आयेगी. दूसरों की सेवा करने से ही मन को सुखद अनुभूति होती है और आपके जीवन में आर्थिक वृद्धि भी होगी. स्वामी सत्संगी जी ने कहा कि अक्षय तृतीया में किये जाने वाले कार्य का कभी क्षय नहीं होता है. आज के इस पावन दिन पर ही चारों धाम के पट खुल जाते हैं. इसी अक्षय तृतीया के अवसर पर सतयुग की शुरुआत हुई थी. भगवान परशुराम की जयंती भी अक्षय तृतीया के इस अवसर पर है तो निश्चित रूप से अक्षय तृतीया में अच्छे कार्य क कभी क्षय नहीं होगा. हमेशा दूसरों से सेवा और प्रेम करते रहें. जीवन में समृद्धि आयेगी.
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