संवाददाता, देवघर : सदर अस्पताल के सभागार में सोमवार को विश्व एड्स दिवस पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को एचआइवी/एड्स के प्रति जागरूक करना तथा भेदभाव-मुक्त समाज का निर्माण करना है. कार्यक्रम का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ युगल किशोर चौधरी और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव संदीप निशित बारा ने किया. सीएस ने कहा कि एड्स लाइलाज नहीं, बल्कि नियंत्रित की जाने वाली बीमारी है. यदि समय पर जांच, दवा व परामर्श लिया जाये, तो संक्रमित व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है. उन्होंने कहा कि अफवाहों से दूर रहें, एचआइवी संक्रमित व्यक्तियों के साथ भेदभाव न करें और समाज में सकारात्मक वातावरण बनाये. डालसा के सचिव ने एचआइवी/एड्स मरीजों के कानूनी अधिकारों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ भेदभाव करना कानूनन अपराध है और इसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि डालसा की ओर से जरूरतमंद मरीजों को नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध करायी जायेगी. साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों को कानूनी प्रावधानों का अपनाने और संवेदनशील व्यवहार करने के निर्देश दिये. साथ ही कार्यक्रम में सुरक्षित यौन व्यवहार पर जागरुक किया गया. स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की कि वे निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपनी जांच अवश्य करायें और सुरक्षित जीवनशैली अपनायें. इसके अलावा एड्स जागनरुकता, भेदभाव-मुक्त समाज तथा सुरक्षित व्यवहार को बढ़ावा देने को लेकर सीएस ने शपथ दिलायी. वहीं डॉ सिकंदर सिंह को एचआइवी को लेकर किये गये बेहतर कार्य पर सम्मानित किया गया. मौके पर एआरटी के नोडल पदाधिकारी डॉ संचयन ने भी एड्स से जागरुकता को लेकर जानकारी दी. मौके पर प्रभारी डीएस डॉ पीके शार्मा, डॉ शिखा सहाय, डॉ रीचा झा, डॉ मनीष लाल, अंजन दुबे, डीपीएम नीरज भगत, प्रविण सिंह समेत अन्य थे. हाइलाइट्स विश्व एड्स दिवस पर सदर अस्पताल में जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन
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