संवाददाता, देवघर : गंगा दशहरा के अवसर पर गुरुवार को बाबा बैद्यनाथ मंदिर में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मंदिर का पट निर्धारित समय से करीब चार घंटे देरी से रात आठ बजे बंद हुआ. सुबह चार बजे मंदिर के पट खुलने के साथ ही अनुष्ठान और पूजा-पाठ का सिलसिला शुरू हो गया था, जो देर रात तक चलता रहा. इस दौरान मंदिर प्रांगण में हजारों की संख्या में विभिन्न संस्कार संपन्न हुए. जानकारी के अनुसार, एक दिन में ही करीब एक हजार मुंडन, पांच सौ उपनयन और दर्जनों विवाह संस्कार बाबा मंदिर परिसर में कराये गये. मंदिर प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कड़ी व्यवस्था की गयी थी, फिर भी भीड़ का दबाव लगातार बना रहा. मंदिर प्रशासन के अनुसार, गुरुवार को गंगा दशहरा के दिन करीब एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा बैद्यनाथ पर जल चढ़ाया इनमें 4246 श्रद्धालुओं ने कूपन लेकर जलार्पण किया.
जलार्पण के लिए लंबी घंटों कतार में लगे रहे भक्त
सुबह से ही आम श्रद्धालुओं की कतार क्यू कॉम्प्लेक्स से निकलकर मानसरोवर तट तक पहुंच गयी थी. वहीं जलार्पण के लिए कूपन लेने वालों की लाइन शाम चार बजे तक लगी रही. अत्यधिक भीड़ को देखते हुए मंझला खंड में काठ गेट चलाया गया, जिससे कम समय में अधिक श्रद्धालुओं को जलार्पण कराया जा सके. इसके बावजूद जल चढ़ाने में भक्तों को घंटों इंतजार करना पड़ा. इधर, मंदिर परिसर का कोई कोना ऐसा नहीं था, जहां पूजा-अनुष्ठान नहीं हो रहा हो. दिनभर उपनयन, मुंडन और विवाह संस्कार कराते परिवारों की चहल-पहल बनी रही.
मंदिर के आसपास जाम की स्थिति, सड़कें रहीं ठप
भारी भीड़ का असर मंदिर के आसपास के इलाकों में भी साफ दिखा. श्रद्धालुओं द्वारा सड़क किनारे वाहन खड़े करने से बीएन झा रोड, शिवगंगा, मानसरोवर सहित कई इलाकों में दिनभर जाम की स्थिति बनी रही. यातायात को नियंत्रित करने में पुलिस प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ी.
हाइलाइट्स– बाबा मंदिर में देर रात तक होते रहे अनुष्ठान, भीड़ के कारण देर से बंद हुआ पट
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