संवाददाता, देवघर. बदलती जीवनशैली और डिजिटल उपकरणों के अत्यधिक उपयोग से आंखों की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. आज बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में दृष्टि संबंधी समस्याएं सामान्य हो चुकी हैं. मोबाइल, लैपटॉप और टीवी स्क्रीन के लंबे इस्तेमाल से आंखों में सूखापन, जलन, सिरदर्द और धुंधलापन जैसी दिक्कतें बढ़ रही हैं. उक्त बातें जाने-माने नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ पीके शर्मा ने प्रभात खबर की ओर से आयोजित ”” हेल्थ काउंसलिंग : टॉक टू डॉक्टर ”” कार्यक्रम में कही. उन्होंने लोगों को धुंधला दिखना, आंखों में जलन, खुजली या दर्द, आंखों में सूजन या लालीपन, कंजक्टिवाइटिस, मोतियाबिंद, बच्चों में कमजोर दृष्टि, तिरछी आंख समेत अन्य बीमारियों से संबंधित परामर्श दिये. इसके अलावा उन्होंने कहा कि स्क्रीन को कभी भी सामने से नहीं देखे, चाहे कंप्यूटर हो या स्क्रीन, इसकी चमक आंखों पर नहीं पड़नी चाहिए. साथ ही यदि लंबे समय तक कंप्यूटर के सामने बैठना होता है, तो ही हर एक घंटे के बाद पांच मिनट तक आंखों को आराम दें. इसके अलावा कहा कि लंबे समय से बीपी और शुगर के मरीजों को साल में एक बार आंखों की जांच जरूर करायें. उन्होंने कहा कि आंख शरीर का सबसे नाजुक अंग है, इसलिए किसी भी चीजों से आंखों को छु़एं नहीं, जिसमें उंगली, पानी व काजल नहीं लगाना शामिल है. इससे आंखों में संक्रमण हो सकता है. आज के समय में लोग खाने में ध्यान दे रहे हैं, लेकिन शरीर को मेहनत नहीं करने देते हैं. सभी को शारीरिक मेहनत करना जरूरी है. हेत्थ एक्सपर्ट डॉ शर्मा ने लोगों की समस्याओं को लेकर उनके सवालों पर परामर्श दिये. लोगों के सवाल व डॉक्टर के परामर्श सवाल : आंखों में धुंधलापन है. डाॅक्टर ने मोतियाबिंद बताया है. ऑपरेशन कराने की सलाह दी है. शुगर की बीमारी है. मधुसुदन यादव, देवघर सलाह : मोतियाबिंद का ऑपरेशन करा कर लेंस लगवाना ही बेहतर है. हालांकि इसके लिए शुगर को कंट्रोल में रखना जरूरी है. शुगर को कंट्रोल कर ऑपरेशन करा लें. सवाल : वर्ष 2019 में दोनों आंखों का ऑपरेशन करा कर लैंस लगाये थे, फिर से आंखों में कम दिख रहा है. रघुनंदन ठाकुर, गोड्डा सलाह : ऑपरेशन के बाद भी रोशनी नहीं आने के कई कारण होते हैं. नस दब रहा है या आंख के पर्दे में परेशानी है. इसके लिए चिकित्सक से मिलकर फिर से इलााज करायें. सवालः 20 साल पहले बीपी हाइ हो गया था. इस दौरान आंख में खून आ गया था. पटना में इलाज कराये फिर भी ठीक नहीं हुआ. चिकित्सक ने कहा कि राेशनी नहीं आयेगी. आंख से पानी आ रहा है. बीपी व शुगर भी है. रूस्तम खान, जसीडीह सलाह : बीपी और शुगर को कंट्रोल कर रखें. आंखों से यदि पानी आ रहा है तो चिकित्सक से मिल कर इलाज करायें. सवाल :आंख से पानी गिरता है. इलाज कराया फिर भी ठीक नहीं हुआ. गर्म या तीखा खाने से पानी आने लगता है. पवन कुमार चौधरी, सारवां सलाह : आंख से पानी आने के कई कारण हैं. तीखा खाने से आंखों से पानी आता ही है. बीमारी है तो उसका इलाज भी होता है. सवालः दोनों आंखों का ऑपरेशन कराये थे, बावजूद धुंधला दिखता है. सागे दास, ठाढ़ीदुलमपुर, देवघर सलाह: आंखों का नस दब रहा है. किसी चिकित्सक से मिल कर इलाज करायें, ठीक हो जायेगा. सवाल : कमर में दर्द रहता है, आंख में धुंधला दिखता है. रविकांत शर्मा, साहिबगंज सलाह: मोतियाबिंद की परेशानी है. चिकित्सक से मिलकर इलाज करायें. यदि ऑपरेशन की नौबत होगी, तो ऑपरेशन करा लें. सवाल: आंखों में पानी डालने से जलन होता है. टीबी देखने पर भी दर्द देता है. मो फहद अंसारी, पाकुड़ सलाह: आंख मनुष्य का सबसे नाजुक अंग होता है. कोशिश करें कि आंख में कुछ भी नहीं डालें. आंख में डॉप भी डालना हो तो बिना चिकित्सक के दिखाये नहीं डालें. सवाल: करीब चार दिनों से मेरी आंखों के सामने जाली- जाली लगता है. पानी से जलन होता है. चश्मा लगाते हैं, तो कुछ ठीक लगता है. प्रफुल्ल झा, देवघर सलाह : आंखों की मोतियाबिंद की जांच करायें, या हो सकता है चश्मे का पावर बदला पड़े. इसके लिए चिकित्सक से संपर्क कर इलाज करायें. सवाल: मेरी उम्र 70 साल है. मुझे कुछ दिनों से बांयीं आंख से धुंधला दिखता है. हीरालाल हांसदा, सारवां सलाह: उम्र के अनुसार आपको मोतियाबिंद की समस्या हो गयी है. चिकित्सक से मिलकर इलाज करायें. ठीक हो जायेगा. सवाल: मेरी पत्नी को मोतियाबिंद की समस्या है. साथ ही उसे मानसिक बीमारी भी है. शुगर की दवा भी खा रही है. क्या मोतियाबिंद का ऑपरेशन करायें. सुमन कुमार, जसीडीह सलाह: सबसे पहले उनकी मानसिक स्थिति को ठीक करायें. चिकित्सक से मिलकर मानसिक इलाज करायें. इसके बाद आंखों का ऑपरेशन करायें. साथ ही शुगर को भी कंट्रोल रखें. हाइलाइट्स हेल्थ काउंसलिंग : टॉक टू डॉक्टर में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ पीके शर्मा ने लोगों को दिये परामर्श
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