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हेल्थ काउंसलिंग : स्क्रब टाइफस का खतरा बढ़ा, बुखार को नहीं करें नजरअंदाज: डॉ अनुज

प्रभात खबर द्वारा आयोजित ‘हेल्थ काउंसलिंग: टॉक टू डॉक्टर’ कार्यक्रम में गुरुवार को चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ अशोक कुमार अनुज ने नवजात शिशुओं की देखभाल और बदलते मौसम में बच्चों को होने वाली बीमारियों को लेकर उपयोगी सलाह दी.

संवाददाता, देवघर : प्रभात खबर द्वारा आयोजित ‘हेल्थ काउंसलिंग: टॉक टू डॉक्टर’ कार्यक्रम में गुरुवार को चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ अशोक कुमार अनुज ने नवजात शिशुओं की देखभाल और बदलते मौसम में बच्चों को होने वाली बीमारियों को लेकर उपयोगी सलाह दी. उन्होंने मां के दूध को शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार बताया. कहा : समय पर बच्चों का टीकाकरण करायें. सरकारी अस्पतालों में सभी प्रकार के वैक्सीन फ्री में उपलब्ध हैं, अभिभावक अपने बच्चों को वैक्सीनेशन अवश्य करायें. साथ ही डॉ अनुज ने स्क्रब टाइफस जैसे गंभीर संक्रमण से सतर्क रहने की चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में साफ-सफाई और सजगता से बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है. डॉ अनुज ने कहा कि बदलते मौसम में बच्चों को निमाेनिया की शिकायत हो रही है. इससे बच्चों में सर्दी, खांसी, घरघराहट और सांस लेने में भी परेशानी हो रही है. ऐसे में परिजनों को हमेशा सतर्क रहने की जरूरत हैं और अपने बच्चाें को समुचित इलाज कराना जरूरी है. उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में डेंगू और मलेरिया ही नहीं स्क्रब टाइफस की परेशानी भी बच्चों में देखी जा रही है. आठ से 10 दिनों के बुखार के बाद बच्चों में स्क्रब टाइफस की परेशानी देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि स्क्रब टाइफस एक जीवाणु जनित संक्रमण है जो चिगर नामक कीड़े के काटने से होता है. चिगर के काटने पर त्वचा पर लाल या गुलाबी रंग का घाव हो जाता है. इस संक्रमण के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, बदन दर्द और लसीका ग्रंथियों (लिम्फ नोड्स) में सूजन शामिल है. इससे बचाव के लिए बच्चों को गीली घास, झाड़ियों या खुले मैदानों में खेलने से रोकें. साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और बुखार का लक्षण हो, ताे तुरंत चिकित्सक से संपर्क कर इलाज करायें. इसके इलाज में एंटीबायोटिक और बुखार की दवा कारगर है. हेल्थ काउंसेलिंग में संताल परगना के विभिन्न जिलों से दर्जनों पाठकों ने फोन कर चिकित्सक से परामर्श लिये. लोगों के सवाल व डॉक्टर के परामर्श सवाल : मेरा भांजा पांच साल का है, उसे जोंडिस हो गया था. दवा चल रही है, लेकिन अबतक उसे सर्दी नहीं हुई है. क्या जोंडिस ठीक हुआ या नहीं. रवि कुमार शर्मा जवाब: जोंडिस की दवा चल रही है. जरुरी नहीं सर्दी होने के बाद ही जोंडिस खत्म होगा. इसमें परहेज की भी जरूरत है. बच्चे को तेल, घी, मटन, चिकन खाने से परहेज करना चाहिए व बेड रेस्ट कराना जरूरी है. ठीक हो जायेगा. सवाल : मेरे बच्चे को दांत आ रहा है. शरीर गर्म रहता है. लूज स्टूल हो रहा है और नाभी भी बाहर आ गया है. खुशबू कुमारी, बंपास टाउन जवाब: दांत आने से कभी- कभी बुखार आ सकता है, लेकिन लूज स्टूल नहीं हो सकता और नाभी को बाहर आने को अवेलिकल हर्नियां कहते हैं. इसके लिए पांच साल तक इंतजार कर सकते हैं, लेकिन चिकित्सक से मिलकर सलाह जरूर लें. सवाल : मेरा बेटा एक साल का है. सिर्फ दूध पीता है, उसे निमोनिया भी हो गया है. इससे उसका वेट भी नहीं बढ़ रहा है. शिखा केशरी, नोएडा जवाब: चिकित्सक से मिल कर निमोनिया का इलाज करायें. छह माह बाद बच्चे को अनाज खिलायें. अनाज को पांच भाग में बांट कर बच्चे को खिलायें. इसमें दो बार अनाज दें, एक बार फल, एक बार काजू, किशमिश और दूध भी दें, बच्चे का वेट बढ़ेगा. सवाल: मेरा बेटा डेढ़ माह का है. उसे दो बार पीला पेशाब हो रहा है, क्या जोंडिस तो नहीं है. सतेंद्र कुमार, गोड्डा जवाब: दो बार पीला पेशाब होना जोंडिस को नहीं दर्शाता हैं. दूध कम पीया होगा, उसे दूध पिलायें. जोंडिस में शरीर पीला होना, आंख पीला होना लक्षण है. बच्चे का टीकाकरण जरूर करायें, इससे बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. सवाल : मेरा बेटा चार साल का है. जब भी वह पेशाब करता है, पेशाब में चींटी लग जा रही है. कहीं शुगर तो नहीं है. अंजली कुमारी, जसीडीह जवाब: यूनिट वेस्ट प्रोडेक्टर होता है, इसमें कभी चींटी लग सकती है. परेशानी हो तो चिकित्सक से संपर्क करें. सवाल: मेरा बेटा डेढ़ साल का है. बहुत ही कम बोलता है. अबतक पूरी तरह बात नहीं कर पाता है. संतोष मंडल, दुमका जवाब: बच्चे को स्पीच थैरेपी की जरूरत हैं. किसी स्पीच थैरेपी चिकित्सक से मिल कर इलाज करायें. सवाल: पांच साल की बेटी है, उसका इस्नोफिलिया बढ़ा है क्या करें. सोनी कुमारी, देवघर जवाब: एलर्जी की जांच करायें, वायरल संक्रमण बढ़ा हुआ है. बच्ची को वैसे लोगों को दूर रखें, जिसे सर्दी, खांसी हो. बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार दें. सवाल: मेरा बेटा डेढ़ साल का है, लेकिन उसका ग्रोथ नहीं हो रहा है. आदित्य कुमार, देवघर जवाब: बच्चा यदि नॉर्मल है तो बिटामिन डी दवा दें. यदि तीन किलो से वजन कम है तो मल्टी विटामिन की दवा दें. सवाल: मेरा डेढ़ साल का बच्चा है, उसे करीब डेढ़ माह से बार- बार पेशाब आता है. दिलिप कुमार मिश्रा, देवघर जवाब: पेशाब में संक्रमण हो सकता है. बच्चे की यूरीन, रूटीन व कल्चर की जांच करा कर चिकित्सक से संपर्क करें. सवाल: मेरा आठ माह का बच्चा है, उसके मुंह से लार निकलता रहता है. रानी कुमारी, देवीपुर जवाब: बच्चे को बोतल से दूध नहीं पिलायें. बच्चे के डेवलेपमेंट में परेशानी है, चिकित्सक से संपर्क कर इलाज करायें. ———- हाइलाइट्स प्रभात खबर के टॉक टू डॉक्टर कार्यक्रम में चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ अशोक कुमार अनुज ने दिये परामर्श

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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