देवघर : नगर भवन में चल रहे 13वें अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन के दूसरे दिन पहले सत्र में ‘विमुद्रीकरण का प्रभाव’ विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी की अध्यक्षता डॉ मोतीलाल द्वारी ने की. उन्होंने कहा कि जीवन में धन का विशेष महत्व है. वेद में भी इसका उल्लेख है. वर्तमान में देश में चल रही नोटबंदी की राजनीति तभी सफल होगी, जब धन का जनहित में ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल होगा.
जनता अब तय 50 दिन के परिणाम को जानने के लिए उत्सुक है, परिणाम सुखद नहीं रहा तो जनता हताश होगी. इससे पहले महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने आगत अतिथियों का स्वागत मैथिली परंपरा के अनुसार किया. उसके बाद आकाशवाणी पूर्णिया के केंद्र निदेशक प्रभात नारायण झा, मैथिली विकास मंच (गिरिडीह) के सचिव रामलला झा, अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू, डॉ मोतीलाल द्वारी, मैथिली विकास परिषद, कोलकाता के अध्यक्ष अशोक झा, पंडा कीर्तन मंडली के महामंत्री सुशील चरण मिश्र ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर संगोष्ठी की शुरुआत की. इस अवसर पर निदेशक प्रभात नारायण झा ने अत्यंत सारगर्भित रूप में संगोष्ठी का विषय प्रवेश कराया. वहीं गिरिडीह से आये रामलला झा ने कहा कि भ्रष्टाचार, बेकारी, जाली नोट की आड़ में पनप रहे आतंकवाद आदि समस्याअों से जूझ रही सरकार द्वारा उठाये गये कदम समय की मांग के अनुरूप है. सरकार के इस कदम से भले ही जनता को कष्ट हो रहा है, मगर भविष्य में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे. विशिष्ट अतिथि अशोक झा ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार द्वारा उठाया गया कदम एकदम चौंकाने वाला था. भले ही इसके दूरगामी प्रभाव को लेकर विभिन्न प्रकार के कयास लगाये जा रहे हैं, लेकिन प्रथम दृष्टया सरकार के इस कदम से आम मध्यमवर्गीय परिवार परेशानी का सामना कर रहा है.
संगोष्ठी के संयोजक मणिकांत झा के कुशल संचालन में आयोजित संगोष्ठी में करीब दो दर्जन प्रतिनिधियों ने विषय के पक्ष व विपक्ष में अपने विचार प्रकट किये. प्रो डीके झा ने सरकार के इस कदम से राजनीतिक पारदर्शिता बलवती होने, सस्ते दर में आवास उपलब्ध होने आतंकवाद पर लगाम लगने व हवाला कारोबार के ठप होने पर विस्तार से चर्चा की. पत्रकार डॉ इंद्रमोहन झा ने कहा कि विमुद्रीकरण से सरकार बहुप्रतिक्षित कालाधन पर रोक लगाने की कोशिश पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा.
हरिशचंद्र हरित ने कहा कि विमुद्रीकरण के कारण वर्षों से अस्थिरता का दंश झेल रहे रोजगार के क्षेत्र में स्थिरता आयेगी. मैथिली सम्मेलन के डॉ बुचरू पासवान ने कहा कि विमुद्रीकरण से देश में जमाखोरी, रिश्वतखोरी अौर भ्रष्टाचार पर रोक लग जायेगा, ऐसा कहना बेमानी होगी. मैथिली हास्य कवि डॉ जनक प्रसाद जनक ने चुटीले अंदाज में की टिपणी को लोगों ने खूब सराहा. प्रवीण झा ने विमुद्रीकरण के मास्टर स्ट्रोक से सरकार आतंकवाद, नक्सलवाद व हवाला पर अंकुश लगाने में कामयाब होगी. इनके अलावा गौरीशंकर झा गोविंद, रामसेवक झा, रचना कुमारी आदि ने भी अपने विचार रखे. जबकि मैथिली सम्मेलन के पदाधिकारी विष्णुदेव झा विकल की शुभकामना संदेश का वाचन मणिकांत झा ने किया.