संवाददाता, देवघर : सोमवार को एक बार फिर बाबा मंदिर में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ी. भारी भीड़ के कारण मंदिर का पट निर्धारित समय से करीब पांच घंटे विलंब से रात नौ बजे बंद किया गया. आम श्रद्धालुओं के लिए जलार्पण की सुविधा रात साढ़े आठ बजे तक ही रही, जिसके बाद गर्भगृह की सफाई और कांचा जल पूजा हुई. इसके बाद मंदिर का पट बंद किया गया. वहीं रात करीब साढ़े नौ बजे एक बार फिर शृंगार पूजा के लिए कपाट खोले गये. भक्तों की अधिक संख्या के कारण शीघ्र दर्शनम काउंटर को भी दो घंटे तक बंद रखा गया. सोमवार को श्रद्धालुओं की कतार मानसरोवर तक पहुंच गयी थी. पुलिस प्रशासन ने कतारबद्ध व्यवस्था के माध्यम से गर्भगृह में प्रवेश की व्यवस्था पट बंद होने तक बनाये रखी. भीड़ के कारण आम कतार में भक्तों को जलार्पण के लिए चार से पांच घंटे तथा कूपन की कतार में भी दो घंटे तक का समय लग रहा था. रविवार की अपेक्षा सोमवार को भीड़ थोड़ी कमी आयी, फिर भी लगभग 90 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा समेत अन्य मंदिरों में जलार्पण किया. इनमें से 5059 श्रद्धालुओं ने कूपन लेकर पूजा की.
कूपन व्यवस्था बनी सिरदर्द, ब्लैक मार्केटिंग से भक्त त्रस्त
मंदिर परिसर में कूपन व्यवस्था को अचानक बंद किये जाने के बाद कूपन की कालाबाजारी रही. तीन सौ रुपये में मिलने वाला कूपन पांच से सात सौ रुपये तक में बेचे गये. स्थानीय लोगों का आरोप है कि जानबूझकर कूपन वितरण बंद कराया जाता है, ताकि बाहरी लोग सक्रिय हो सकें. स्थानीय श्रद्धालुओं ने बताया कि वैशाख और कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर इससे भी ज्यादा भीड़ होती है, लेकिन तब कूपन बंद नहीं किया जाता. अगर कूपन वितरण को तय समय तक चालू रखा जाये, तो न केवल कालाबाजारी पर लगाम लगेगी, बल्कि भक्तों को भी सुविधा मिलेगी.
कहते हैं अधिकारीकूपन व्यवस्था को बंद नहीं रखने के लिए आदेश दिया गया है. हालांकि अधिक भीड़ के कारण कुछ देर बंद किया गया था, जिसे तुरंत चालू कर दिया गया. आगे से बंद नहीं हो इसके लिए आदेश दिये गये हैं. बिना अनुमति के बंद करने पर संबंधित पर कार्रवाई होगी.
रवि कुमार, बाबा मंदिर प्रभारी सह एसडीएमडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है