देवघर : विगत वित्तीय वर्ष में स्वास्थ्य संबंधी क्रियाकलापों में देवघर जिला की उपलब्धि कुछ खास नहीं रही. खासकर परिवार कल्याण कार्यक्रम का परफॉरमेंस खराब है. इस कार्यक्रम के तहत बंध्याकरण का लक्ष्य तो विभाग ने पार कर लिया, लेकिन आइयूडी के लक्ष्य 6,700 के विरुद्ध प्राप्त उपलब्धि 3,478 ही रही, जो लक्ष्य का 51.91 प्रतिशत ही है. ओपी यूजर्स (साइकल्स) के लक्ष्य दो लाख के विरुद्ध उपलब्धि 23,119 है जो लक्ष्य का 11.56 प्रतिशत है.
सीसी यूजर्स (पीस) के लक्ष्य 35,000 के विरुद्ध उपलब्धि 27.28 प्रतिशत ही रही. मुख्यमंत्री जननी शिशु स्वास्थ्य योजना अंतर्गत 39,770 लक्ष्य के विरुद्ध निबंधन की संख्या 30,093 रही तथा इसके तहत संस्थागत प्रसव की संख्या 20,582 रही. यानी निबंधन वाले 10 हजार गर्भवती महिलाओं का प्रसव संस्थागत नहीं हो पाया.
581 कुष्ठ रोगियों का हुआ इलाज
कुष्ठ निवारण कार्यक्रम अंतर्गत 581 रोगियों की खोज कर उनकी चिकित्सा की गयी तथा उन्हें रोग मुक्त किया गया. यक्ष्मा नियत्रंण कार्यक्रम अन्तर्गत 795 लक्ष्य के विरुद्ध 838 रोगियों की खोज की गयी तथा 7600 लक्ष्य के विरुद्ध 8331 रोगियों के बलगम की जांच की गयी.
टीकाकरण कार्यक्रम भी औसत
प्रतिरक्षण कार्यक्रम अंतर्गत गर्भवती महिला (टीटी) के लक्ष्य 39,770 के विरुद्ध उपलब्धि 26,766 है, जो 67.3 प्रतिशत होता है. बीसीजी के लक्ष्य 35,035 के विरुद्ध उपलब्धि 38,170 है, जो लक्ष्य का 108.95 प्रतिशत होता है. डीपीटी पेटावेलन्ट में 35,035 के विरुद्ध उपलब्धि 30,783 है जो लक्ष्य का 87.72 प्रतिशत है. पोलियो व मिजिल्स का अलग–अलग 35,035 लक्ष्य के विरुद्ध उपलब्धि 29,392 तथा 28,210 है जो लक्ष्य का क्रमश: 82.39 प्रतिशत एवं 80.52 प्रतिशत है.
अंधापन निवारण में भी लक्ष्य पूरा नहीं
अंधापन निवारण कार्यक्रम अंतर्गत 6,000 लक्ष्य के विरुद्ध 4,385 लोगों का मोतियाबिंद ऑपरेशन किया गया. वहीं 29,500 लक्ष्य के विरुद्ध 33,165 स्कूली बच्चों का नेत्र परीक्षण किया गया तथा 630 बच्चों को चश्मा उपलब्ध कराया गया.