उधर, नियुक्ति के लिए वेकेंसी निकाली जा रही है. मेंडेज कर्मियों को नियमित करने के लिए परीक्षा लेने की साजिश चल रही है. ताकि छंटनी की जा सके. परीक्षा का ही यह नतीजा यह है कि 98 अनुबंधकर्मी को नियमित नहीं किया गया. श्री सिंह ने कहा कि मेंडेज कर्मी पढ़े-लिखे नहीं है कि वे परीक्षा दे सकें. वे 14-15 सालों से कार्यरत हैं. उनकी छंटनी करने पर वे किसी लायक नहीं रहेंगे अौर भूखों मरेंगे व गलत रास्ता पकड़ेंगे. इसलिए यूनियन परीक्षा का विरोध करता है. श्री सिंह ने कहा कि पूरे राज्य की बिजली व्यवस्था को प्रैंचाइजी व निजी कंपनी को देने की तैयारी युद्ध स्तर पर की जा रही है. निजी कंपनी को देने से प्रति यूनिट नौ रुपये हो जायेगा. गरीब जनता बिजली नहीं जला सकेगी, जिसका चौतरफा विरोध किया जायेगा.
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24 से करेंगे राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल
देवघर : झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन के बैनर तले 23 सूत्री मांगों के समर्थन में विद्युत कर्मियों ने गुरुवार को विद्युत अंचल कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. इसके बाद एक सभा की गयी. सभा को संबोधित करते हुए यूनियन के प्रदेश महामंत्री रामकृष्णा सिंह ने बताया कि 23 सूत्री मांगों के लिए 24 फरवरी […]
देवघर : झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन के बैनर तले 23 सूत्री मांगों के समर्थन में विद्युत कर्मियों ने गुरुवार को विद्युत अंचल कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. इसके बाद एक सभा की गयी. सभा को संबोधित करते हुए यूनियन के प्रदेश महामंत्री रामकृष्णा सिंह ने बताया कि 23 सूत्री मांगों के लिए 24 फरवरी से राज्यव्यापी अनिश्चतकालीन हड़ताल किया जायेगा. इस हड़ताल का सीधा असर कोयला खदान, पानी, छोड़े-बड़े उद्योग, अस्पताल आदि पर पड़ेगा.
महामंत्री ने कहा
प्रदेश महामंत्री ने कहा कि विद्युत बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष, वर्तमान अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक से तीन दफा द्विपक्षीय समझौता में यह तय हुआ था कि स्नातक उतीर्ण कर्मी को तृतीय श्रेणी में नियुक्ति दी जाये. मैंडेज, कंप्यूटर परिचालक अादि को नियमित किया जाये. सेवानिवृत्त कर्मियों को 100 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाये, एमपीसीपी का लाभ दिया जाये व बकाया अोवरटाइम का भुगतान किया जाये. इसके लिए पत्र भी निर्गत किया गया, मगर भुगतान नहीं हुआ. 27 जनवरी 2014 को हुइ वार्ता में तय हुआ था कि सभी मांगों की पूर्ति कर दी जायेगी. इसके बावजूद आश्वासन तक ही सीमित रखा गया. पूरे राज्य में कामगारों की काफी कमी है. वर्ष 1972 के आज तक विभाग में यार्ड स्टीक नहीं बना, जबकि 60 फीसदी उपभोक्ताअों में वृद्धि हुई. पूरे राज्य में विद्युतीकरण किया गया. ट्रांसफर्मर में बढ़ोतरी की गयी, बावजूद काल अवधि समाप्त होने के बाद भी स्वीकृत पद नहीं होने की बात कह मजदूरों को पदोन्नति नहीं दी जा रही है.
सीएम से की अपील
श्री सिंह ने सीएम से अपील की है कि अपने स्तर से पहल कर मांगों की पूर्ति करायें ताकि इस संकट की घड़ी में विद्युत जैसे जनोपयोगी संस्थान में हड़ताल की पुनरावृत्ति न हो. मौके पर सुबोध कुमार सिंह, संजय सिंह, सत्येंद्र कुमार, नागेश्वर झा, मदन ठाकुर, वर्षा राय, समीउल्लाह खा आदि उपस्थिति थे.
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