रेंपू की माने तो पति द्वारा घर में बराबर झगड़ा कर स्वयं काम कर बच्चे की परवरिश के नाम पर घर से निकाल दिया जाता है़ कई बार बहादुरपुर थाने में इसकी शिकायत भी की है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुअा है़ अब मेरे व बच्चे का बाबा बैद्यनाथ ही सहारा है़ं इनके दरबार में बच्चे व अपने पति की सद्बुद्धि की कामना करने आयी हूं.
उन्होंने बताया कि बच्चे के साथ वह दो दिनों से भूखी-प्यासी है़ उसके पास पैसे भी नहीं हैं तथा पटना से बिना टिकट के टीटी बाबू के सहारे जसीडीह तक पहुंची़ उसके पश्चात टेंपू वाले ने इनका दुखड़ा सुन कर इसे मंदिर तक बिना किराये के पहुंचा दिया.