देवघर: मधुपुर-लहरजोरी पथ सोने का अंडा देने वाली मुर्गी बन गयी है. डेढ़ वर्ष पूर्व 20 करोड़ रुपये से तैयार होने वाली मधुपुर-लहरजोरी पथ पर अब निर्माण में 24 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे. 20 करोड़ की लागत से बनने वाले मधुपुर-लहरजोरी पथ का 30 फीसदी कार्य पूरा हुआ था. इसमें छह करोड़ रुपये खर्च हो गये थे. पथ निर्माण विभाग के पास शेष 14 करोड़ रुपये बचे हैं. अब विभाग पुन: चार करोड़ रुपये प्राक्लन राशि बढ़ाकर 18 करोड़ रुपये का प्रस्ताव री टेंडर के लिए मुख्य अभियंता (रांची) के पास भेजा है.
भू-अजर्न में भी बढ़ गया छह करोड़
मधुपुर-लहरजोरी पथ में भू-अजर्न में भी मुआवजे के तौर पर दिये जाने वाली राशि बढ़ाकर लगभग 12 करोड़ रुपये कर दिया गया है. इससे पहले भू-अजर्न में छह करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी थी. अगर दोनों राशि मिला दी जाये तो अब मधुपुर-लहरजोरी पथ को पूरी तरह तैयार करने में सरकार को दस करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़ेंगे. जबकि डेढ़ वर्ष पूर्व सह सड़क 26 करोड़ में ही तैयार हो सकती थी. सरकार को अब 36 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं.
डेढ़ वर्ष बंद रहा काम
मधुपुर-लहरजोरी पथ का कार्य मेसर्स संतोष कुमार चौरसिया कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम से था. इस सड़क का काम एक वर्ष तक पूरी तरह बंद रहा. इस दौरान विभाग ने भी अपनी ओर से सक्रियता नहीं दिखायी. प्रशासन ने भी भू-अजर्न पर खास ध्यान नहीं दिया. प्रधान सचिव राजबाला वर्मा द्वारा गंभीरता दिखाने के बाद विभाग कीओर से संवेदक से पत्रचार किया गया. विभागीय स्तर से संबंधित जिम्मेवार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. अंत में टेंडर रद्द कर दिया गया.