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बिजनेस बढ़ाने का जरिया है बुक कीपिंग

देवघर: किसी भी बिजनेस में लेखा-जोखा आवश्यक है. इससे आपके आय व व्यय का पता सही तरीके से चल पायेगा. छोटे से छोटे व्यापारी को खाता-बही (बुक कीपिंग) अप टू डेट रखनी चाहिए. ये बातें शहर के जाने-माने चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) रितेश टिबड़ेवाल शनिवार को सुबह 11:30 बजे प्रभात खबर कार्यालय में आयोजित चर्चा में […]

देवघर: किसी भी बिजनेस में लेखा-जोखा आवश्यक है. इससे आपके आय व व्यय का पता सही तरीके से चल पायेगा. छोटे से छोटे व्यापारी को खाता-बही (बुक कीपिंग) अप टू डेट रखनी चाहिए. ये बातें शहर के जाने-माने चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) रितेश टिबड़ेवाल शनिवार को सुबह 11:30 बजे प्रभात खबर कार्यालय में आयोजित चर्चा में अतिथि के रूप में कही. श्री टिबड़ेवाल ने व्यवसाय संबंधित आय-व्यय, आयकर, वाणिज्य कर कई बिंदुओं जानकारी दी.

बिजनेस बढ़ाने का जरिया बुक कीपिंग है. यह कोई एक्स्ट्रा वर्क नहीं है. बिजनेस का लाइफ ब्लड एकाउंटिंग है.बड़े व्यापारी तो इसमें गंभीरता दिखाते हैं, लेकिन छोटे व्यापारी इसको नजरअंदाज करते हैं. लेखा-जोखा को दरकिनार कर बिजनेस सफल नहीं कर सकते हैं. निरंतर लेखा-जोखा रखने से अपने स्टॉक व खर्च का पता चल पायेगा. इससे स्टॉक की चोरी नहीं हो पायेगी.

प्रत्येक दिन करें अपडेट
श्री टिबड़ेवाल ने कहा कि व्यापारियों को प्रत्येक दिन बुक कीपिंग को अपडेट रखना चाहिए. छोटे व्यापार के सेक्टर में एकाउंटिंग पेंडिंग कर दिया जाता है जिसका खामियाजा बाद में भुगतना पड़ता है. खाता अप टू डेट रखने से इनकम टैक्स, सेल टैक्स व सर्विस टैक्स की रिटर्न फाइल करने में सुविधा मिलती है.ताकि इसका पैनल्टी सही ढंग से मिल पाये. बुक कीपिंग आपके बिजनेस में इनकम, स्टॉक व क्लोजिंग क्या है, इसका प्रमाण देती है.

आपका बिजनेस नुकसान अथवा फायदे में जा रहा है, इसका पता चल पायेगा. छोटे व्यापारी बुक कीपिंग को अपडेट खुद भी रख सकते हैं. आजकल कंप्यूटर में कई सॉफ्टवेयर आये हैं जिसमें आसानी से अपने लेखा-जोखा की एंट्री कर सकते हैं. इसमें सामान्य रूप से ‘टैली’ में खरीद-बिक्री व खर्च की एंट्री कर सकते हैं. इसमें अगर कोई त्रुटि हो जाये तो अंत में एक्सपर्ट अथवा सीए से चेक करवा सकते हैं. 40 से 50 हजार में पूरी कर सकते हैं सीए की पढ़ाई सीए (चार्टर्ड एकाउंटेंट) में आज प्रोफेशन ग्लैमरस हो गया है. इसमें सर्विस, प्रैक्टिस व खुद का भी बिजनेस कर सकते हैं.

वर्तमान में बैंकिंग सेक्टर में सीए को लिया जा रहा है. आज सारे बिजनेस में सीए की जरूरत है. प्रैक्टिस में काफी स्कोप बढ़ा है. देवघर, दुमका व गोड्डा में सीए की अच्छी प्रैक्टिस हो रही है. सीए की पढ़ाई अब महंगी नहीं रह गयी. छात्र सीए की पढ़ाई 40 से 50 हजार रुपये में पूरी कर सकते हैं. दसवीं पास करने के बाद छात्र सीपीटी में रजिस्ट्रेशन करवायें. 12वीं के बाद सीपीटी की परीक्षा दें व इसके बाद सीए की पढ़ाई शुरू कर दें.

छात्र 3.5 वर्ष की पढ़ाई पूरी करने के बाद सीए बन सकते हैं. इमानदारी व मेहनत के साथ पढ़ाई करेंगे तो पहली दफा ही आप सफलता प्राप्त करते हैं, इसमें केवल लक्ष्य पहले निर्धारित करना है. अब तो सीए में सारी सुविधा ऑन लाइन हो गयी है. ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन के बाद आपको घर बैठे रजिस्ट्रेशन बुक आ जायेंगे. इसके बाद फार्म भरकर परीक्षा दें. तैयारी के दौरान संस्थान ही आपको पर्याप्त स्टडी मेटेरियल व सजेशन उपलब्ध करा देगी. इससे तैयारी में आसानी होगी.

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