मधुपुर: रेलवे साइडिंग में खड़ी मालगाड़ी से चावल उतारने व वर्चस्व स्थापित करने को लेकर गुरुवार को दो मजदूर गुटों में जम कर मारपीट व पथराव हुई. घटना में कई मजदूर को मामूली चोटें आयी है. घटना की जानकारी मिलते ही एसडीओ नंदकिशोर लाल, बीडीओ कपिल कुमार समेत अन्य अधिकारी व पुलिस बल साइडिंग पर पहुंचकर घंटों कैंप किया.
बताया जाता है कि रेलवे साइडिंग में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर भारतीय मजदूर संघ व इंटक के दो गुट पूर्व से ही आमने-सामने हैं. इधर बुधवार रात को एफसीआइ का चावल लदा रेक रेलवे साइडिंग पर लगा. जिसे गुरुवार सुबह से ही खाली कराया जा रहा था. पूर्व में ही तनाव को देखते हुए एसडीओ ने दंडाधिकारी के रूप में बीडीओ कपिल कुमार व थाना प्रभारी आदि की तैनाती स्थल पर कर दी थी.
पुलिस टीम कुछ देर रहने के बाद साइडिंग से वापस थाना लौट गयी. जबकि दंडाधिकारी मौके पर ही मौजूद रहे. पुलिस के लौटते ही मजदूर यूनियन के दोनों गुटों के बीच चावल उतारने को लेकर मारपीट हो गयी. इस बीच पथराव भी जम कर हुआ. मौके पर तत्काल पहुंच कर रेलवे सुरक्षा बल के इंस्पेक्टर इंचार्ज अरविंद कुमार व जीआरपी थाना प्रभारी विजय चौधरी ने दोनों गुटों को समझा-बुझाकर अलग किया. पथराव की खबर मिलते ही एसडीओ अपने आवास के गार्ड लेकर मौके पर पहुंचे व मामले को नियंत्रित किया. इस बीच थाना प्रभारी को स्थल पर नहीं पाकर उन्होंने दूरभाष पर नाराजगी व्यक्त की व इसे आदेश की अवहेलना बताया. उपस्थित अधिकारियों व पुलिस बल की मौजूदगी में शांति पूर्ण ढंग से चावल उतारने का काम किया गया.
अवैध कमाई है वर्चस्व का कारण
बताया जाता है कि साइडिंग में वर्चस्व के पीछे अवैध कमाई मुख्य वजह है. रेलवे साइडिंग में वेलफेयर के नाम से दिन-भर लगने वाले सभी ट्रक के मालिक से 50 से 100 रुपये प्रति खेप वसूला जाता है. यह राशि महीने में लाख तक पहुंच जाती है. इसी राशि को लेकर वर्चस्व की लड़ाई दो गुटों में चल रही है. विदित हो कि इससे पूर्व भी गत 29 अगस्त को एफसीआइ से चावल से भरा एक रैक मधुपुर साइडिंग में लगा था. लेकिन मजदूरों के आपसी विवाद के बाद रैक के खाली किये बगैर तीन दिन में वापस लौटा दिया गया था.
कइयों पर लगा 107
एसडीओ नंदकिशोर लाल की अदालत ने रेलवे साइडिंग में शांति भंग होने की आशंका के मद्देनजर पूर्व में ही पुलिस द्वारा प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर खलासी मुहल्ला, पनाहकोला आदि जगहों के 28 मजदूर व इनके नेताओं के खिलाफ 107 की कार्रवाई करते हुए नोटिस तामिला कर दिया था.
कम मजदूरी से आक्रोश
रेलवे वैगन से चावल उतारने वाले मजदुरों को कम मजदूरी दिये जाने के मामले को भी एसडीओ ने गंभीरता से लिया व एफसीआइ पदाधिकारियों से बात की. बताया जाता है कि पूर्व में एफसीआइ द्वारा निर्धारित 1.95 रुपये प्रति बैग की दर से मजदूरों को भुगतान किया जा रहा था. लेकिन फिलहाल 1.65 रुपये भुगतान होने से मजदूर आक्रोशित हैं.