देवघर : चमगादड़ से फैलने वाला खतरनाक निपाह वायरस दोबारा केरल में पांव पसार चुका है. इस वायरस से संक्रमित की संख्या केरल में लगातार बढ़ रही है. इसे देखते हुए झारखंड में भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा हाई अलर्ट जारी किया गया है. इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ कृष्ण कुमार ने बताया कि विभाग ने देवघर जिले में अलर्ट जारी किया है. केरल में निपाह वायरस से संक्रमित लोगों के मिलने की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने भी की है. साथ ही विशेष जांच-पड़ताल की जा रही है.
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निपाह वायरस को लेकर जिले में हाई अलर्ट
देवघर : चमगादड़ से फैलने वाला खतरनाक निपाह वायरस दोबारा केरल में पांव पसार चुका है. इस वायरस से संक्रमित की संख्या केरल में लगातार बढ़ रही है. इसे देखते हुए झारखंड में भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा हाई अलर्ट जारी किया गया है. इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ कृष्ण कुमार ने बताया कि विभाग […]
वहीं आसपास क्षेत्र के लगभग तीन सौ लोगों की भी जांच की गयी है. लगातार वायरस के फैलने की स्थिति को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एडवाइजरी जारी कर सभी राज्यों को अलर्ट रहने को कहा गया है. साथ ही इससे निबटने के लिए सदर अस्पताल प्रबंधन को भी अवगत कराया गया है. स्वास्थ्य विभाग झारखंड की ओर से भी सिविल सर्जन, एसीएमओ व जिला मलेरिया (सर्विलांस) पदाधिकारी को पत्र भेजा जा रहा है. साथ ही इससे बचाव के लिए प्रचार-प्रसार करने को कहा गया है.
कैसे फैलता निपाह वायरस
विशेषज्ञों के अनुसार, यह वायरस चमगादड़ के अलावा सुअर से फैलता है. इसके अलावा यह मनुष्य से मनुष्य में भी फैलता है. वायरस से संक्रमित चमगादड़ जब किसी फल को खा लेते हैं तथा वह फल या सब्जी को कोई मनुष्य या जानवर खाता है, तो वह इस वायरस से संक्रमित हो जाता है. वहीं फ्रूट बैट्स (चमगादड़) इस वायरस को एक जगह से दूसरी जगह फैलाने का काम करते हैं.
बीमारी के लक्षण
निपाह वायरस से संक्रमित मनुष्य को तेज दिमागी बुखार, सिर दर्द, थकान, मेंटल कंफ्यूजन जैसी परेशानियां होती हैं. यह वायरस इतना खतरनाक है कि इससे मरीज 24 से 48 घंटे के अंदर कोमा में जा सकता है और उसकी मौत भी हो सकती है. इससे ब्रेन में सूजन आ जाती है.
कैसे बचे निपाह वायरस से
निपाह वायरस का अबतक कोई इलाज नहीं है. इसके लिए अबतक कोई वैक्सिन भी नहीं आया है. इससे बचने के लिए एक मात्र उपाय बचाव व सावधानी है. निपाह वायरस से बचाव के लिए चमगादड़ों के लार या पेशाब से दूरी बनाये रखें. बासी फल नहीं खायें. संक्रमित व्यक्ति व सुअरों के संपर्क में नहीं आएं. निपाह वायरस से प्रभावित इलाका व चमगादड़ के इलाके में जाने से बचें. बाहर से आने वाले फल केला, आम, खजूर, ताड़ व ताड़ी खाने पीने से बचें. फलों को अच्छी तरह धोकर खाएं. कुतरा हुआ फल ना खाएं.
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