देवघर : कोलकाता की कई मुखौटा कंपनियों से लोन लेकर देवघर के कई व्यवसायियों व ठेकेदारों द्वारा 25 करोड़ रुपये के हेरफेर का पता आयकर विभाग को चला है.
देवघर के आयकर कार्यालय में चल रहे असेस्मेंट के दौरान इन गड़बड़ियों का पता चला है. शेल कंपनियां यानी मुखौटा कंपनियां जो कागजों में तो है, लेकिन अस्तित्व में नहीं है, इन कंपनियों के जरिये लेन-देन व टैक्स चोरी की गयी है. आयकर विभाग की जांच में पता चला है कि देवघर के व्यवसायियों व ठेकेदारों ने जिन शेल कंपनियों से लोन दर्शाया है, इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन केंद्र सरकार ने नोटबंदी के बाद रद्द कर दिया था. आयकर विभाग इन मुखौटा कंपनियों से व्यवसायियों व ठेकेदारों का स्थायी बैंक खाता संख्या के आंकड़े, आयकर रिटर्न, ऑडिट रिपोर्ट बैंकों से प्राप्त वित्तीय लेन-देन के पूरे ब्योरे का जांच कर रहा है.
बताया जा रहा है कि शेल कंपनियों का इस्तेमाल बैंकों के ऋण को गबन करने व फर्जी बिलों को प्रस्तुत कर टैक्स की चोरी की गयी है. ब्लैक मनी को व्हाइट करने के लिए भी शेल कंपनियों का इस्तेमाल किया गया है. आयकर विभाग जांच कर 31 दिसंबर के बाद इस गड़बड़ी में शामिल व्यवसायी व ठेकेदार को पहले नोटिस भेजेगी व उसके बाद एक्ट के तहत कार्रवाई चालू होगी. विभाग के अनुसार, इस गड़बड़ी में राशि का दायरा बढ़ सकता है.