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”दानपत्र” के नाम पर चल रहा आयकर चोरी का खेल, देवघर में ट्राइवल लैंड के कई मामले आये सामने
देवघर/पटना : ‘दानपत्र’ के नाम पर आयकर चोरी का खेल धड़ल्ले से चल रहा है. आयकर विभाग को इसकी खबर लग गयी है. कई मामलों की अंदरखाने जांच की जा रही है. जल्दी ही इसको लेकर दर्जनों नोटिस भी जारी होने की उम्मीद है. सबसे ज्यादा मामले देवघर (झारखंड) रेंज में सामने आये हैं. देवघर […]
देवघर/पटना : ‘दानपत्र’ के नाम पर आयकर चोरी का खेल धड़ल्ले से चल रहा है. आयकर विभाग को इसकी खबर लग गयी है. कई मामलों की अंदरखाने जांच की जा रही है. जल्दी ही इसको लेकर दर्जनों नोटिस भी जारी होने की उम्मीद है. सबसे ज्यादा मामले देवघर (झारखंड) रेंज में सामने आये हैं. देवघर में ‘दानपत्र’ कर जमीन की खरीद-बिक्री खूब हो रही है. मगर इसको कहीं भी आय में नहीं दर्शाया जा रहा है. किसी तरह का टैक्स नहीं भरा जा रहा है. अकेले देवघर में हजार से अधिक मामले सामने आ सकते हैं.
यह होता है खेल
आयकर सूत्रों ने बताया कि देवघर के अधिकांश भाग में नन-सेलेबल यानी ‘दानपत्र’ कर जमीन का कारोबार चल रहा है. ऐसे में कारोबारी आसानी से एक स्टांप पर करोड़ों रुपये की जमीन का कारोबार कर लेते हैं. आयकर फूटी कौड़ी नहीं दी जाती है. जबकि, यह सरासर गलत है. आयकर विभाग के अधिकारी फाइलें खोल चुके हैं. बड़े पैमाने पर इसको लेकर नोटिस जारी करने की तैयारी है.
नन-सेलेबुल जमीन की खरीद-बिक्री करने वालों की संख्या हुई 2500
देवघर : दान-पत्र के जरिये नन-सेलेबुल जमीन को अवैध ढंग से खरीदने-बिक्री करने वालों की संख्या 2500 हो गयी है. आयकर विभाग ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है. देवघर कोर्ट के नोटरी से प्राप्त 2500 नन-सेलेबुल जमीन की खरीद-बिक्री करने वालों को अब आयकर विभाग ने नोटिस भेजने की तैयारी में है. यह संख्या पिछले आठ वर्षों की है.
देवघर में भूमि घोटाला उजागर होने के बाद दान-पत्र के जरिये नन-सेलेबुल जमीन की अवैध खरीद-बिक्री में बेहताशा वृद्धि हुई है. अायकर विभाग पहले उनलोगों को चिह्नित कर रही है, जिसने अलग-अलग जगह में अपने नाम से अधिक जमीन दान में प्राप्त की है. वैसे लोगों जमीन कारोबारियों पर आयकर विभाग बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है, उनकी संपत्ति का पूरा ब्योरे का पता लगाया जायेगा. विभाग के अनुसार, दान-पत्र में रकम का उल्लेख अधिक नहीं की गयी है, बावजूद उन सभी लोगों को नोटिस भेजकर यह जानकारी ली जायेगी कि आखिर दान प्राप्त करने करने वाले कितने भूमिहीन व गरीब हैं.
साथ ही जमीन दान देने वालों को जमीन का ब्योरा लिया जायेगा कि उनके पास कितनी जमीन है जो उन्हें जमीन दान करना पड़ा है. विभाग के अनुसार इस जांच की कड़ी से ही संपत्तियों की पता लगाया जायेगा. जिन लोगों ने ट्राइबल समेत अन्य लोगों से दान-पत्र के नाम पर जमीन हड़पा है, उनकी अलग लिस्ट बनेगी व राज्य सरकार को भी रिपोर्ट सौंपी जायेगी.
विभागीय अधिकारी के अनुसार कुछ माह के अंदर ही अवैध ढंग से जमीन की खरीद-बिक्री कर संपत्ति खड़ी करने वालों पर केस दर्ज कर टैक्स वसूली की प्रक्रिया शुरू होगी. नन-सेलेबुल जमीन को कौड़ियों के भाव में दान-पत्र में दिखाकर करोड़ों रुपये का लेन-देन करने वाले पर आइटी की धारा 69 के तहत केस दर्ज होगा.
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