देवघर: मां के भक्त घर में ही पूरी निष्ठा व नियम से हवन कर अपनी पूजा की पूर्णाहुति कर हवन कर सकते हैं. वैसे लोग जो विशेष दीक्षा ग्रहण कर नवरात्र करते हैं, उनके लिये हवन अनिवार्य है. शेष भक्त हवन न करके मां की अराधना करें
हवन की विधि
पंडित छोटेलाल मिश्र घर में मां की आराधना करने की विधि की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हवन कुंड लाकर सबसे पहले अग्नि प्रज्ज्वलित कर लें. हवन के लिए घी व 108 कनैल का फूल नहीं मिले तो तील व घी अगर ये सब कुछ नहीं उपलब्ध हो तो धूप से भी हवन किया जा सकता है. सारी सामग्री एकत्र कर आसन लगा कर बैठ जायें व मां का ध्यान करें. नवार्ण मंत्र सबसे प्रशस्त मंत्र माना गया है.
सभी कामनाएं इसी से पूर्ण हो जाती हैं तथा देवी की कृपा तथा आशीर्वाद इसी से मिलता है. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे… के मंत्र जाप से 108 बार हवन कर अंत में पान का पत्ता में सुपाड़ी व घी लेकर अंत में हवन की पूर्णाहुति कर भस्म से अपने मस्तक दोनों बांह व हृदय में टीका लगा कर मां से क्षमा याचना कर पूजा संपूर्ण करें.