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लाखों की मशीनें पड़ी हैं बेकार, अब नयी खरीदने की तैयारी
मधुपुर: नगर पर्षद क्षेत्र की सफाई के लिए खरीदे गये लाखों के सामान कार्यालय में बेकार पड़े हैं और दूसरी तरफ नगर पर्षद फिर नये सामानों की खरीदारी की फेहरिस्त बना रहा है. जानकारी के अनुसार, विभाग के निर्दश पर नये संसाधन खरीदे जा रहे हैं, लेकिन पुरानी मशीनों का रखरखाव नहीं होने के पीछे […]
मधुपुर: नगर पर्षद क्षेत्र की सफाई के लिए खरीदे गये लाखों के सामान कार्यालय में बेकार पड़े हैं और दूसरी तरफ नगर पर्षद फिर नये सामानों की खरीदारी की फेहरिस्त बना रहा है. जानकारी के अनुसार, विभाग के निर्दश पर नये संसाधन खरीदे जा रहे हैं, लेकिन पुरानी मशीनों का रखरखाव नहीं होने के पीछे फंड का अभाव बताया जा रहा है. लाखों की मशीनें सड़ रही है, इसकी जवाबदेही किस पर होगी, बड़ा सवाल है.
जो मशीनें हो गयीं बेकार
सात साल पहले 6.50 लाख की लागत से सेफ्टी टैंक क्लिनर खरीदा गया था, जो अाज केवल शोभा बढ़ा रहा है. इसी प्रकार, साढ़े तीन साल पहले 28 लाख की लागत से खरीदा गया बॉबकट मशीन भी दो साल से नगर पर्षद में बेकार पड़ी है. आठ साल पूर्व करीब चार लाख की लागत से खरीदी गयी फॉगिंग मशीन भी शोभा की वस्तु बनी हुई है. यह मशीन 30 दिन भी नहीं चली. इसके अलावे छह लाख की लागत से खरीदा गया डंपर प्लेसर भी छह माह भी नहीं चला और बेकार पड़ गया है.
इसके अलावा 35-35 हजार में खरीदा गया कूड़ा रखने का कंटेनर जर्जर होकर कब का नीलाम हो चुका है. 1.80 लाख करके शहर के विभिन्न चौक में लगाया गया मिनी मास्क लाइट भी अधिकतर खराब पड़ा हुआ है. बावजूद इसके नगर पर्षद में फिर नये सिरे से 12 फॉगिंग मशीन की खरीदारी के लिए गुड़गांव की एक कंपनी को आदेश दे दिया गया है. इसके लिए नौ लाख 65 हजार 811 रुपये खर्च होगी. नगर पर्षद में पूर्व से ही कर्मी व संसाधन की कमी है. ऐसे में इसका कितना उपयोग हो पायेगा इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. नप में 156 कर्मी थे. वर्तमान में सिर्फ 56 कर्मचारी हैं. इनमें सफाई व कार्यालय कर्मी भी शामिल हैं. 12 फॉगिंग चलाने के लिए प्रत्येक दिन कम से कम 12 कर्मचारी अतिरिक्त चाहिए. इसमें डाला जाने वाले केमिकल का मूल्य 2200 रुपया प्रति लीटर है. अधिकांश क्षेत्रों में फॉगिंग से छिड़काव भी नहीं हो पाता. फिलहाल सात माह से नप कर्मियों का वेतन बाकी है. फॉगिंग के लिए केमिकल भी नहीं खरीदा जा पा रहा है.
विभाग का मिला निर्देश
नगर विकास विभाग के निर्देश के बाद नये संसाधन की खरीदारी की जा रही है. फंड नहीं रहने के कारण पुरानी मशीनों का रखरखाव नहीं हो पा रहा है.
संजय यादव, अध्यक्ष, नगर पर्षद, मधुपुर
क्रय-विक्रय की हो जांच
नगर पर्षद में संसाधन की खरीदारी के नाम पर लाखों के वारे-न्यारे हुए हैं. हमारी मांग है कि सभी प्रकार के क्रय-विक्रय की जांच होनी चाहिए, क्योंकि यह जनता का पैसा है.
रुही परवीन, उपाध्यक्ष, नगर पर्षद, मधुपुर
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