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डेंगू का एक मरीज हुआ भर्ती

बीमारी. सदर अस्पताल में चल रहा है इलाज 27 अगस्त से रिफ्यूजी कॉलोनी निवासी मनोज को आ रहा है बुखार दिल्ली से पिछले गुरुवार को आ गया था घर देवघर : शहर के रिफ्यूजी कॉलोनी बैजनाथपुर निवासी मनोज कुमार को डेंगू पॉजिटिव पाया गया है. रिपोर्ट देखने के बाद चिकित्सक ने उसे सदर अस्पताल के […]

बीमारी. सदर अस्पताल में चल रहा है इलाज

27 अगस्त से रिफ्यूजी कॉलोनी निवासी मनोज को आ रहा है बुखार
दिल्ली से पिछले गुरुवार को आ गया था घर
देवघर : शहर के रिफ्यूजी कॉलोनी बैजनाथपुर निवासी मनोज कुमार को डेंगू पॉजिटिव पाया गया है. रिपोर्ट देखने के बाद चिकित्सक ने उसे सदर अस्पताल के वार्ड में भर्ती करा दिया. इस वार्ड में फिलहाल कोई भर्ती नहीं हैं. मनोज का इलाज किया जा रहा है. जानकारी हो कि मनोज को 27 अगस्त से बुखार था. उस वक्त वह दिल्ली में था. बीमार रहने के कारण वह सात सितंबर को घर आ गया. यहां भी डॉक्टरों से दिखाने के बाद उसे राहत नहीं मिली.
सुबह में वह सदर अस्पताल के ओपीडी में इलाज कराने पहुंचा तो डॉक्टर ने उसे डेंगू की जांच कराने की सलाह दी. जांच रिपोर्ट में वह डेंगू पॉजिटिव पाया गया. मनोज ने बताया कि दिल्ली में रहकर वह मरीजों को प्राइवेट तौर पर नर्सिंग सेवा देता है.
वीबीडी कार्यालय को जानकारी नहीं: डेंगू मरीज मनोज के संबंध में जिला वीबीडी कार्यालय बेखबर है. इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन ने वीबीडी कार्यालय को कोई जानकारी नहीं दी गयी है. पूछे जाने पर जिला वीबीडी पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि दो दिनों से वे विभागीय कार्य से रांची में हैं. वापस लौट रहे हैं. आने के बाद जानकारी लेंगे. इधर वीबीडी कार्यालय के समन्वयक डॉ गणेश ने बताया कि शाम तक उन लोगों को जानकारी नहीं दी गयी है. सुबह मरीज को देखेंगे. इसके बाद उसके मुहल्ले में मास सर्वे व छिड़काव आदि कराएंगे.
सदर अस्पताल में नहीं है संक्रामक रोग वार्ड
नये सदर अस्पताल में डेंगू को लेकर संक्रामक रोग वार्ड नहीं बनाया गया है. करनीबाग ज्योतिनगर मुहल्ले से डेंगू मरीज मिलने के बाद पुराने सदर अस्पताल स्थित ट्रामा केयर सेंटर के वार्ड को संक्रामक रोग वार्ड घोषित किया गया था. ऐसे में मनोज के डेंगू पॉजिटिव होने की जानकारी मिलने पर आनन-फानन में नये सदर अस्पताल के तीन मंजिले पर खाली वार्ड में शिफ्ट करा दिया गया. वहां एक बेड पर मनोज को स्लाइन चढ़ रहा था. वहीं उसके सामने के बेड पर उसकी पत्नी व बच्चे बैठे हुए थे. मरीज के साथ परिजनों को कैसे रहना है व क्या सावधानी बरतनी है, इससे वे लोग अनभिज्ञ थे. उन लोगों को यह नहीं बताया गया था कि डेंगू मरीज के शरीर पर बैठा मच्छर दूसरे को काटे तो संक्रमण का भय रहता है.

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