देवघर: पंचायत के विकास कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पंचायत सचिवों की कमी से जिले के कई पंचायत के विकास बाधित हो रहे हैं. गांवों के विकास के लिए संचालित योजनाएं समय पर पूरी नहीं हो पा रही है. कई पंचायतों में विभिन्न योजनाओं की राशि खर्च नहीं हो रही है. जिले के 194 पंचायतों के विकास कार्य की जिम्मेवारी 102 पंचायत सचिव के भरोसे चल रहा है.
92 पंचायत प्रभार में चल रहे हैं. किसी पंचायत में पंचायत सचिव प्रभार में हैं तो कहीं जनसेवक कृषि का कार्य छोड़ पंचायत सचिव के प्रभार में है. ऐसी परिस्थिति में गांव में किस प्रकार ग्रामीणों का कार्य पंचायत सचिवालय में एक छत के नीचे निबटेगा. प्रभार में होने की वजह से पंचायत सचिव एक पंचायत मुख्यालय में भी नहीं रह पाते हैं. कई बार पंचायत सचिव को एक साथ दोनों पंचायत के ग्राम सभा में हिस्सा लेना पड़ता है. कार्य के बोझ की वजह से कई आवश्यक कार्य समय पर भी नहीं हो पाता है.
लेखापाल की नियुक्तियां भी अटकी
पंचायत की योजनाओं को गति देने के लिए पंचायतीराज विभाग ने जिले के पंचायत सचिवालय में लेखापाल सह कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू की. देवघर जिले में भी लेखापाल व कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्तियां के लिए परीक्षा समेत अन्य प्रक्रिया पूरी की गयी. बावजूद अब तक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं सौंपा गया है.
मृत्यु प्रमाण पत्र समेत अन्य कार्य प्रभावित
प्रभार में रहने वाले पंचायत सचिव अक्सर एक पंचायत मुख्यालय में नहीं रह पाते हैं. इस कारण मृत्यु प्रमाण पत्र से लेकर विभागीय अभिलेख, योजना संबंधित दस्तावेजों में हस्ताक्षर व विभागीय रिपोर्ट तैयार करने का कार्य प्रभावित हो रहा है. कई ग्रामीणों को पंचायत सचिव के आवास तक का भी चक्कर लगाना पड़ता है. अब सवाल उठा रहा है कि ऐसी परिस्थिति में गांव की सरकार कैसे चलेगी.