खेतौरी व घटवाल काे एसटी में शामिल करने का मामला
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केंद्रीय मंत्रालय ने फिर मांगी राज्य सरकार से रिपोर्ट
खेतौरी व घटवाल काे एसटी में शामिल करने का मामला देवघर : केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय ने राज्य सरकार से एक बार फिर से खेतौरी, घटवाल व घटवार समाज को एसटी में शामिल करने का प्रस्ताव टिप्पणी के साथ मांगा है. गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में खेतौरी, घटवाल व घटवार समाज को अनुसूचित जनजाति […]
देवघर : केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय ने राज्य सरकार से एक बार फिर से खेतौरी, घटवाल व घटवार समाज को एसटी में शामिल करने का प्रस्ताव टिप्पणी के साथ मांगा है. गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में खेतौरी, घटवाल व घटवार समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग उठाया था. इसके बाद केंद्रीय जनजातीय मंत्री जुएल ओराम ने सांसद श्री दुबे को पत्र भेज कर कहा है कि मंत्रालय खेतौरी, घटवाल व घटवार समाज को एसटी में शामिल करने के प्रति गंभीर है. रजिस्ट्रार जेनरल ऑफ इंडिया ने 13 जनवरी 2014 को झारखंड सरकार से इस प्रस्ताव को टिप्पणी के साथ मांगा है,
केंद्रीय मंत्रालय ने फिर…
लेकिन तीन वर्षों से राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव अप्राप्त है. राज्य सरकार अगर खेतौरी, घटवाल व घटवार को एसटी में शामिल करने का प्रस्ताव भेजती है तो राष्ट्रीय जनजाति आयोग भी बिल पर सहमति के लिए तैयार है. इससे पहले केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय ने 13 जुलाई 2017 को भी राज्य सरकार को पत्र भेजकर यह प्रस्ताव मांगा था. पिछले तीन वर्षों से प्रस्ताव लंबित रहने की वजह से प्रक्रिया अागे नहीं बढ़ रही है. राज्य से प्रस्ताव आते ही रजिस्ट्रार जेनरल ऑफ इंडिया के स्तर से भी इस मांग पर प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.
खेतौरी, घटवाल व घटवाल वर्षों पहले एसटी में शामिल थे, लेकिन एक लिपिकीय भूल की वजह से उन्हें एसटी की सुविधा से वंचित कर दिया गया है. राज्य सरकार के पास तीन वर्षों से जो प्रस्ताव लंबित है, उसे जल्द केंद्र को भेज देना चाहिए, ताकि उनको एसटी का दर्जा मिल सकें.
– निशिकांत दुबे, सांसद, गोड्डा
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