उसके बाद 28 अगस्त को मुखिया राजकिशोर यादव द्वारा रढ़िया पंचायत भवन में सभी आरोपित समेत सात-आठ अज्ञात व्यक्तियों को मुरगा-भात व शराब की पार्टी दी गयी. उसके बाद सभी पिपरा की ओर निकल गये. रंजीत ने आरोप में कहा है कि पार्टी में मनाने के बाद राजकिशोर पंचायत भवन के नजदीक स्थित गाय बथान के पास जाकर कहा कि यहां नहीं है उधर ही होगा, उधर ही देख लेना. सभी व्यक्ति पड़रिया-पिपरा की तरफ निकल गये. उसके बाद देर रात भाई की हत्या हो गयी. इससे साफ जाहिर होता है कि मेरे भाई शैलेंद्र की हत्या में मुखिया राजकिशाेर यादव का हाथ है.
चांदन नदी पुल के समीप से रढ़िया की ओर जाने वाली सड़क स्थित एक घर में काफी देर तक पूछताछ की गयी. इसके साथ ही पंडरिया में छानबीन की गयी कि शैलेंद्र के साथ घटना की शाम कौन-कौन व्यक्ति था. पुलिस इस कांड में बालू विवाद समेत एक अन्य बिंदु पर भी गहन जांच कर रही है. बताया जाता है हत्या का तार सीमावर्ती क्षेत्रों से ही जुड़ा है. पुलिस का दावा है कि बहुत जल्द ही इस हत्याकांड से परदा उठा जायेगा.