देवघर से पंकज कुमार पाठक और सुमित कुमार वर्मा की रिपोर्ट
देवघर से लगभग 15 किमी की दूरी पर बहतीहै गोड़ियारी नदी. इसे दुखहरण नदी भी कहते हैं. कहते हैं कि सुल्तानगंज से जो कांवरिया जल लेकर बाबाधाम की यात्रा पर निकलते हैं, इस नदी में कदम रखते ही उनके सब दुख दूर हो जाते हैं. इसलिए इसे दुखहरण नदी भी कहते हैं. यहां नदी में ही छोटा-सा मेला लगता है, जहां खाने के सारे सामान मिलते हैं. बीच नदी में. नदी में ही लगे टेबल में बैठकर आप भोजन का आनंद ले सकते हैं. नदी के बीच सेल्फी भी ले सकते हैं. यहां भगवान शिव के वेश में कई लोग आपको तस्वीरें लेते नजर आ जायेंगे.
दुखहरण नदी में कदम रखते ही बाबा के भक्तों को मिलता है सुकून. देखिये VIDEO
बिहार-झारखंड की सीमा पर स्थित है दुम्मा गांव. सुल्तानगंज से देवघर जाने वाले कांवरियों के मनोरंजन के लिए यहां कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. कई पंडालबनेहैं. प्रदर्शनी लगायी गयी है. कई संस्थाएं नि:शुल्क सेवा कर रही हैं. उन्हें भोजन परोस रहे हैं, मेडिकल सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं. प्याऊ के जरिये कांवरियों की प्यास बुझा रहे हैं. बाबा के भक्तों के पांवों में छाले न पड़ें, इसके लिए रास्ते में बालू बिछाये गये हैं.
VIDEO : बाबा की महाआरती
कलाकार पवन राय ने 40 कलाकारों के साथ मिलकर बाबा नगरी में भक्तों को द्वादश ज्योतिर्लिंग और चार धाम के दर्शन करा दिये. इससे मुख्यमंत्री रघुवर दास बेहद प्रभावित हैं. उन्होंने श्रावणी मेला के उद्घाटन समारोह में एलान किया कि इस स्थल को वे शिव धाम के रूप में विकसित करेंगे. उन्होंने कहा कि चार धाम और द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन गरीबों का सपना सच करने जैसा है. कहा कि जो लोग चार धाम और द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन नहीं कर सकते, वह यहां आकर इस इच्छा को पूरा कर सकते हैं. श्री दास ने कहा कि सरकार एक साल के अंदर इन सबको यहीं स्थापित करने की कोशिश करेंगे, ताकि साल भर भक्त यहां आयें.