चतरा. सरकारी सेवा के बाद सेवानिवृत होना जीवन का अहम मोड़ होता है. अपने कार्यकाल के दौरान व्यक्ति अपने परिवार, बच्चों की पढ़ाई, जीवन यापन की जिम्मेवारी निभाता है, लेकिन रिटायर्ड होने के बाद उनकी एक नयी जिंदगी की शुरूआत होती है. सेवानिवृत वरिष्ठ नागरिक इसे अक्सर अवसर के रूप में लेते हैं. वे समाजिक गतिविधियों से जुड़ते हैं. वहीं कई लोग शिक्षा, राजनीतिक व धार्मिक कार्यों से जुड़कर खुद को व्यस्त रख अगले पड़ाव की ओर बढ़ते हैं.
शिक्षा के प्रति जागरूक कर रहे हैं मोहसिन अंसारी
हंटरगंज प्रखंड के नावाडीह गांव निवासी मोहसिन अंसारी वर्ष 1975 में सरकारी शिक्षक बने. 39 साल तक सेवा देने के बाद वर्ष 2014 में उत्क्रमित मध्य विद्यालय बड़ी बिगहा से सेवानिवृत हुये. वह खेती से जुड़कर काम कर रहे है. वहीं शिक्षा के प्रति भी लोगों को जागरूक कर रहे हैं.
धार्मिक कार्यों में व्यस्त रहते हैं सदरुद्दीन अंसारी
हंटरगंज प्रखंड के उचला निवासी सदरुद्दीन अंसारी ने 1989 में सरकारी शिक्षक के रूप में योगदान दिया. 33 वर्षो तक सेवा देने के बाद 2022 में उत्क्रमित मध्य विद्यालय शाही से रिटायर्ड हुये. इसके बाद बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दे रहे हैं. धार्मिक कार्यो में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं.
राजनीतिक से जुड़ समाज को दिशा दे रहे हैं सहेंद्र राम हंटरगंज प्रखंड के गोसाईडी निवासी सहेंद्र राम 1971 में राजभाषा सचिवालय पटना में नौकरी हुई. वह 38 वर्षो तक सेवा देने के बाद 2009 में राजभाषा के डायरेक्टर पद से रिटायर्ड हुए. इसके बाद राजनीतिक पार्टी में शामिल हुए. सामाजिक कार्यो में वह हिस्सा लेते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

