इटखोरी. राजा केंदुआ गांव निवासी आजीवन कारावास की सजा काट रहे सीटन भुइयां की मंगलवार को इलाज के दौरान रिम्स में मौत हो गयी. बुधवार को हजारीबाग जेल के पदाधिकारी उसका शव लेकर परिजनों के पास पहुंचे, परिजनों ने शव लेने व दाह संस्कार करने से इनकार कर दिया. बाद में बीडीओ सोमनाथ बंकिरा व थाना प्रभारी अभिषेक कुमार सिंह के समझाने पर परिजन तैयार हुए. परिजन घटना की सीबीआइ जांच कराने की मांग कर रहे थे. क्या है घटना कोनी पंचायत के राजा केंदुआ गांव की एक दलित युवती की वर्ष 2018 में संदिग्ध मौत हो गयी थी. उस घटना को हत्या करार देते हुए आधा दर्जन से अधिक भुइयां जाति के लोगों को अभियुक्त बनाया गया था, न्यायालय द्वारा कांड का स्पीडी सुनवाई करते हुए युवकों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. तभी से सभी हजारीबाग सेंट्रल जेल में बंद है. अभियुक्तों में शामिल सीटन भुइयां की मंगलवार को मौत हो गयी. दो दिन में दो लोगों ने की आत्महत्या मयूरहंड. प्रखंड क्षेत्र के दो गांवों में दो दिन के अंदर दो लोगों ने आपसी पारिवारिक विवाद में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पहली घटना बेलखोरी गांव की है, जहां सुरेंद्र महतो (42) ने सोमवार की देर रात फांसी लगाकर आत्महत्या की ली. वहीं दूसरी घटना थाना क्षेत्र के बेलखोरी गांव में घटी, जहां मंगलवार की देर रात बन्हा निवासी मिथिलेश राणा ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना की जानकारी ग्रामीणों ने बुधवार को पुलिस को दी. पुलिस ने बन्हा गांव पहुंच मृतक मिथिलेश राणा के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये चतरा भेज दी है. थाना प्रभारी आशीष प्रसाद ने बताया कि प्रथम दृष्टया बन्हा गांव के मृतक मिथिलेश राणा ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है. पुलिस फिलहाल मामले की तहकीकात कर रही है.
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