कोडरमा. केंद्र सरकार की ओर से देश की मेहनतकश जनता के अधिकारों पर हमला किया गया है. उक्त बातें सीटू के राज्य सचिव संजय पासवान ने बयान में कही. संजय ने बताया कि धनबाद में चल रहे सीटू के राज्य सम्मेलन में नयी श्रम शक्ति नीति और लेबर कोड के खिलाफ उन्होंने प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया. दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और स्वतंत्र औद्योगिक महासंघों का संयुक्त मंच इन कठोर श्रम संहिताओं के कार्यान्वयन का उस दिन से विरोध कर रहा है, जिस दिन से इन्हें मौजूदा 29 केंद्रीय श्रम कानूनों को निरस्त करते हुए लागू किया गया था. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेतृत्व में किसानों के साथ 26 नवंबर 2025 को श्रम संहिताओं के कार्यान्वयन के खिलाफ पूरे देश में प्रत्येक कार्यस्थल पर जुझारू प्रतिरोध जताया जायेगा. इस दौरान श्रम संहिताओं को रद्द करने और श्रम शक्ति नीति-2025 के मसौदे को वापस लेने की मांग की जायेगी.
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