31 सीएच 13- पानी में डूबा धान की फसल चतरा. जिले में मोंथा चक्रवाती के कारण लगातार चार दिनों से बारिश हो रही है. जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त है. बारिश ने सबसे अधिक नुकसान धान की फसल को पहुंचाया है. जिससे किसानों की उम्मीदो पर पानी फिरता नजर आ रहा है. लगातार बारिश से किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है. कई क्षेत्रो में धनकटनी शुरू हो गयी है, तो कई क्षेत्र में धनकटनी के तैयारी में लगे हुए थे. धान काट कर खेतो में रखा गया था. इस बीच बारिश के कारण धान पूरी तरह पानी में डूब गया. जिससे धान की फसल बर्बाद हो रही है. कई खेतों में हवा चलने से धान की फसल गिर गयी है. खेतो में जलजमाव के कारण किसानों को नुकसान हो रहा है. इस वर्ष जिले में धान की अच्छी पैदावार हुई थी. जिससे किसान काफी गदगद नजर आ रहे थे. लेकिन मोंथा चक्रवाती ने किसानो के उम्मीद पर पानी फेर दिया. किसान बारिश बंद होने का ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं. धान के साथ-साथ कई फसलों व सब्जियों को भी नुकसान हो रहा है. किसानों का कहना हैं कि एक-दो दिन में बारिश नहीं रुकी, तो धान से हाथ धोना पड़ जायेगा. किसानों ने सरकार व जिला प्रशासन से अब तक हुए नुकसान का आकलन कर मुआवजा भुगतान करने की मांग की है. अनुमंडल कृषि पदाधिकारी गौतम कुमार ने कहा कि धान की फसल के नुकसान का आकलन किया जा रहा है. उन्होंने किसानों को खेतो में जमा पानी को निकाल कर फसल को बर्बाद होने से बचाने की अपील की है. पूर्व में भी बारिश से हो चुका हैं नुकसान पूर्व में लगातार हुई बारिश ने किसानों को काफी क्षति पहुंचायी थी. किसान साग-सब्जी के साथ-साथ मकई की खेती नहीं कर पाये थे. इस बार किसानों को धान की फसल पर ही उम्मीद टिकी थी, जो इस बारिश ने परेशान कर रखा है. जिले के अधिकांश किसान कृषि पर ही आश्रित है. साग-सब्जी उगा कर अपने व अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. अतिवृष्टि से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. किसानों ने कहा किसान महावीर प्रसाद ने कहा कि पूर्व में हुई लगातार बारिश के कारण आलू, बैगन, लहसुन, प्याज, फूलगोभी जैसे फसलों को काफी नुकसान हुआ था. धान की अच्छी पैदावार से काफी उम्मीद थी, वह भी इस मौसम ने उम्मीद पर पानी फेर दिया है. किशोरी दांगी ने कहा कि हर वर्ष आलू की खेती कर अच्छी आमदनी करते थे. बारिश की वजह से खेती नहीं कर पाये है. काफी नुकसान हुआ है. इसके अलावा अन्य फसल भी नहीं लगा पाये.
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