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उत्क्रमित मवि बन्हे में उर्दू की पढ़ाई नहीं
सिमरिया : बन्हे गांव के ग्रामीणों ने अपने बच्चों को विद्यालय भेजना बंद कर दिया है़ उत्क्रमित मवि बन्हे में उर्दू की पढ़ाई शुरू कराने व विद्यालय के समय में परिवर्तन की मांग को लेकर अभिभावकों ने अपने-अपने बच्चों को विद्यालय भेजना बंद कर दिया है. विद्यालय में बच्चों की संख्या 174 है़ इनमें मुसलिम […]
सिमरिया : बन्हे गांव के ग्रामीणों ने अपने बच्चों को विद्यालय भेजना बंद कर दिया है़ उत्क्रमित मवि बन्हे में उर्दू की पढ़ाई शुरू कराने व विद्यालय के समय में परिवर्तन की मांग को लेकर अभिभावकों ने अपने-अपने बच्चों को विद्यालय भेजना बंद कर दिया है.
विद्यालय में बच्चों की संख्या 174 है़ इनमें मुसलिम बच्चों की संख्या 140 है. अभिभावकों ने कहा कि विद्यालय में उर्दू की पढ़ाई नहीं होने से बच्चे को मजहब की जानकारी नहीं मिल पा रही है. इस कारण बच्चों को विद्यालय नहीं भेज रहे हैं. इसकी सूचना विद्यालय की प्रधानाध्यापिका ने बीइइओ को पत्र लिख कर दी है. चार-पांच दिन से स्कूल नहीं जा रहे हैं बच्चे.
क्या कहती हैं स्कूल की प्रभारी प्रधानाध्यापिका : प्रभारी प्रधानाध्यापिका वीणा कुमारी ने बताया कि उर्दू शिक्षक की पदस्थापना को लेकर कई बार शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को पत्र भेजा गया है. अभी तक कोई जवाब नहीं आया. यहां 75 प्रतिशत मुसलिम बच्चे अध्ययनरत हैं.
बच्चों को मदरसा भेज रहे अभिभावक
मो अनवर ने कहा कि बन्हे मवि में उर्दू की पढ़ाई नहीं होती है. इस कारण बच्चे कुरान नहीं पढ़ पाते हैं.मदरसा में पढ़ाई सुबह सात से नौ बजे तक होती है़ मवि का समय आठ से दो बजे तक है़ यही वजह है कि अपने बच्चों को विद्यालय नहीं भेज रहे हैं विद्यालय के समय में परिवर्तन होना चाहिए. मो मिनहाज ने कहा कि विद्यालय में उर्दू शिक्षक की पदस्थापना होनी चाहिए़ क्योंकि यहां उर्दू पढ़ने वाले बच्चों की संख्या अधिक है़ वहीं रउफ अंसारी ने विद्यालय के समय में परिवर्तन की मांग की.
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