टंडवा. टंडवा में नो इंट्री लगने से एक ओर जहां लोग राहत की सांस ले रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कोल ट्रांसपोर्ट कंपनियों को हर रोज लाखों का नुकसान हो रहा है़ आम्रपाली कोल परियोजना से हटिया-रांची कोयले ले जाने वाले ट्रक मालिकों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है़ बताया गया कि आम्रपाली से झाझर कंपनी का कोयला खलारी रेलवे साइडिंग तक सैकड़ों हाइवा से जाता है, लेकिन नो इंट्री लगने से सिर्फ रात मंे ही कोयले की ढुलाई होती है़ इस कारण हाइवा मालिकों को नुकसान हो रहा है. ज्ञात हो कि कई लोगों ने बैंक से लोन लेकर हाइवा निकाला है. ऐसे में किस्त चुकाने की चिंता सता रही है़ झाझर कंपनी के इंचार्ज सुनील मित्तल ने बताया कि इस माह नो इंट्री लगने की वजह से 60 हजार टन कोयले क ा उठाव नहीं हो पाया, जिसकी वैधता खत्म हो गयी़ उन्होंने बताया कि पहले प्रतिदिन साढ़े चार हजार टन कोयला डिस्पैच होता था़ अब स्थिति यह है कि प्रतिदिन 200 टन कोयले का उठाव नहीं हो पा रहा है़ उन्होंने कहा कि अगर नो इंट्री लगी रही, तो काफी नुकसान होगा. दूसरी ओर नो इंट्री लगने का समर्थन कर रहे सांसद प्रतिनिधि मिथलेश गुप्ता का कहना है कि कुछ लोग स्वार्थ में नो इंट्री हटाने की मांग कर रहे हैं.
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नो इंट्री लगने से वाहन मलिकों को लाखों का नुकसान
टंडवा. टंडवा में नो इंट्री लगने से एक ओर जहां लोग राहत की सांस ले रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कोल ट्रांसपोर्ट कंपनियों को हर रोज लाखों का नुकसान हो रहा है़ आम्रपाली कोल परियोजना से हटिया-रांची कोयले ले जाने वाले ट्रक मालिकों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है़ बताया गया कि आम्रपाली से […]
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