चतरा : जिले के कई महत्वपूर्ण पथों में संपर्क पथ नहीं होने से लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है. कई जगहों में पुल निर्माण के सात-आठ साल बाद भी संपर्क पथ नहीं बना. जिससे आये दिन दुर्घटना होती रहती है. बरसात के मौसम में वाहनों के आवागमन में काफी दिक्कत हो रही है.
केस स्टडी-एक
चतरा से हजारीबाग मुख्यालय को कम दूरी से जोड़नेवाला चतरा-कटकमसांडी पथ में बड़की नदी पर दो साल पूर्व बना. पुल का निर्माण 36 लाख की लागत से किया गया. संपर्क पथ नहीं बना. बोल्डरडाल कर छोड़ दिया गया. जिससे आये दिन दुर्घटना होती रहती रही है. पेक्सा गांव के अशोक राणा तीन माह पूर्व घायल हो गया था.
केस स्टडी-दो
इसी पथ मे रमटुंडा पुल का निर्माण डेढ़ वर्ष पूर्व किया गया. संपर्क पथ नहीं बना. पुल एक करोड़ की लागत से बनाया गया. इस पथ में हर रोज करीब तीन सौ वाहन गुजरते हैं. कई बार बड़ी दुर्घटना टली है.
केस स्टडी –तीन
कुंदा-पांकी पथ पोटम के पास आठ वर्ष पूर्व लघु सिंचाई विभाग से आठ लाख की लागत से पुल बनाया गया. आज तक संपर्क पथ नहीं बना. लोग पुल के नीचे से होकर गुजरते हैं. पुल में अधिक पानी होने पर, पानी कम होने का घंटों इतंजार करना पड़ता है. इसी पथ मे बारियातु पुल में संपर्क पथ नहीं होने से एक दर्जन गांव के लोगों को काफी परेशानी हो रही है.
के स स्टडी –चार
चतरा-बालूमाथ पथ एनएच 99 चतरा-बालूमाथ पथ मे लमटा जोगीयाडीह पुल का निर्माण एक वर्ष पहले किया गया. संपर्क पथ मे सिर्फ बोल्डर बिछा कर छोड़ दिया गया है. लावालौंग निवासी संतु गंझू एक सप्ताह पूर्व मोटरसाइकिल से गिर कर घायल हो गया.
अधिकारियों का निर्देश का असर नहीं
तत्कालीन डीसी मनोज कुमार ने हर माह पथ प्रमंडल की समीक्षा बैठक के दौरान उक्त पथों पर संपर्क पथ बनाने का निर्देश देते रहे, लेकिन संवेदकों पर कोई असर नहीं दिखा. इसे लेकर इइ को कई बार फटकार लगी. काफी दबाव मे रमटुंडा पूल मे संपर्क पथ का कार्य प्रारंभ किया गया.