इटखोरी : झारखंड के चतरा जिले के इटखोरी प्रखंड में सावित्री देवी की मौत का मामला गहराता जा रहा है. दो दिन पहले ( 3 .6.2018 ) सावित्री देवी की मौत हो गयी थी, कथित तौर पर उसकी मौत भूख से हुई. परिवार वालों का कहना है कि सावित्री देवी की मौत भूख से हुई है, हमारे पास खाना खरीदने के पैसे नहीं थे.
दूसरी तरफ, प्रखंड के सीओ ने बताया कि महिला रिम्स में इलाज करा रही थी, जहां उसकी मौत टीबी से हुई है. अब इस पूरे मामले को लेकर जांच के आदेश दिये गये हैं.केंद्रीय खाद्य एंव उपभोक्ता मामलों के सचिव को आदेश दिया गया है कि वह संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों को भेजकर इसकी जांच करायें. जांच के बाद इसकी रिपोर्ट सौंपी जाये. केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि झारखंड में भूख से हुई मौत को लेकर सरकार गंभीर है. यह जघन्य अपराध है.
केंद्र सरकार के खाद्य सुरक्षा कानून के तहत कोई व्यक्ति भूखा नहीं रह सकता है. अगर लाभार्थी को अनाज नहीं मिलता है, तो वह उसकी शिकायत कर सकता है. जांच के दौरान अगर पाया गया कि इसमें राज्य सरकार की खामी है तो राज्य सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य का सवा गुना अधिक मुआवजा पीड़ित को देना होगा. इस कानून के तहत 35 किलो अनाज प्रतिमाह दिया जाता है. ऐसे में अगर गरीब परिवारों को अनाज नहीं मिल पा रहा है तो यह सरकार की जिम्मेदारी है कि उचित व्यक्ति को इस योजना का लाभ मिले
मामले की जांच के बाद सच्चाई सामने आयेगी और जो दोषी होगा उसपर सख्त कार्रवाई की जायेगी. पासवान ने कहा कि झारखंड में पूर्व में भी ऐसी घटना सामने आयी थी. जांच के दौरान पाया गया कि राशन देने वाला व्यक्ति दबंग था और उसने पीड़ित को आधार कार्ड का बहाना बनाकर अनाज नहीं दिया. पासवान ने कहा कि यदि भूख से मौत की खबर सही है, तो ऐसी घटना किसी भी परिस्थिति में नहीं होनी चाहिए. उन्हें भूख से हुई मौत की जानकारी मिली है, उसके बाद उन्होंने सचिव को निर्देश दिया है कि इस मामले की जांच कर उसकी रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपे.
वहीं गिरिडीह के उपायुक्त ने इस मौत के संबंध में एक पत्र जारी किया है और जानकारी दी है कि महिला की मौत parenchymal haematoma से हुई है, जिसका अर्थ है सिर पर चोट लगने के कारण खून का जमना है, जिससे महिला की मौत हो गयी. उपायुक्त द्वारा लिखी चिट्ठी में डुमरी रेफरल अस्पताल के डॉक्टर डीपी वर्णवाल के हवाले से लिखा गया है कि संभव है कि उनकी मौत सिर में चोट लगने और ब्लड क्लॉट करने के कारण हुई है.
रिपोर्ट में और क्या है
डुमरी रेफरल अस्पताल के डॉक्टर डीपी वर्णवाल की रिपोर्ट में यह बताया गया है कि महिला रिम्स में इलाजरत थी. परिवार वालों से बातचीत का हवाला देते हुए बताया गया है कि देवर भोलाराम महतो 15 दिनों से उनकी सेवा में लगे थे. महिला को सरकार की तरफ से पेंशन मिलता था. अप्रैल महीने में 1800 रुपये की राशि ट्रासंफर की गयी थी. अभी भी उनके खाते में 2375 रूपये हैं. इसलिए भूख से मौत की संभावनाओं को उनके खाते में मौजूद पैसे से जोड़कर भी नजरअंदाज किया गया है. इस रिपोर्ट में सावित्री की मौत को स्वाभाविक बताया गया है.