चाईबासा.
पश्चिमी सिंहभूम जिले में बीते एक माह से लगातार बारिश ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. इसका विपरीत असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. लोग मौसमी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. चाईबासा सदर अस्पताल के ओपीडी व इमरजेंसी में मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. अस्पताल के वार्डों सहित इमरजेंसी में बेड फुल हैं. मरीजों को बेड के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. मरीजों को जमीन पर सुलाकर व स्ट्रेचर पर इलाज करना पड़ रहा है.सोमवार को ओपीडी में 500 से अधिक मरीज पहुंचे
ओपीडी में सोमवार को करीब 502 मरीज पहुंचे. ओपीडी के पंजीयन काउंटर से लेकर डॉक्टरों के कक्ष और दवा कक्ष के बाहर मरीज व परिजनों की लंबी कतार लगी रही. अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों में सबसे अधिक सर्दी-खांसी, बुखार, उल्टी, दस्त, कमजोरी सहित मलेरिया, टायफाइड, जॉन्डिस जैसी बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं.बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्युनिटी वाले सतर्क रहें
चिकित्सकों ने बताया कि मॉनसून में मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इस दौरान जल जनित जैसे हैजा, टाइफाइड, दस्त, मच्छर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, श्वसन संक्रमण जैसे इंफ्लुएंजा, ब्रोंकाइटिस निमोनिया और त्वचा संक्रमण जैसे दाद प्रमुख हैं. विशेष रूप से बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को सतर्क रहना चाहिए.पानी उबालकर पीयें ताजा भोजन करें
सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि एस मौसम में बीमारियों से बचाव के लिए पानी उबालकर पीयें, खाने से पहले और शौचालय के बाद हाथ धोयें, साफ-सफाई का विशेष ध्याना रखें, बासी और तला-भुना न खाएं, ताजा खाना खायें, हरी सब्जियां का अधिक सेवन करें, अपने घर और आसपास के वातावरण को साफ रखें. इस मौसम में सतर्कता ही बीमारियों से बचाव का तरीका है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

