चक्रधरपुर. शिक्षक दिवस पर जब हम गुरुजनों के योगदान को याद करते हैं, तो चक्रधरपुर के मध्य विद्यालय आसनतलिया के प्रभारी प्रधानाध्यापक शिवलाल महतो का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय बन जाता है. दो दशक से अधिक के शिक्षण जीवन में उन्होंने सिर्फ पढ़ाया नहीं, बल्कि सैकड़ों बच्चों के जीवन को नयी दिशा दी. शिवलाल महतो की नियुक्ति वर्ष 2000 में बंदगांव प्रखंड के एक प्राथमिक विद्यालय में अप्रशिक्षित शिक्षक के रूप में हुई थी. सेवाकालीन प्रशिक्षण के बाद वर्ष 2002 में उनका स्थानांतरण उनके गृह प्रखंड चक्रधरपुर के मध्य विद्यालय आसनतलिया में हुआ. तब विद्यालय में करीब 200 छात्र थे, जो अब बढ़कर 600 से अधिक हो चुके हैं.
नवोदय चयन में दिलायी पहचान
उनके प्रयासों से पहले जहां विद्यालय से नवोदय विद्यालय में किसी छात्र का चयन नहीं होता था, वहीं उनके मार्गदर्शन से अबतक 20 से अधिक छात्र नवोदय में चयनित हो चुके हैं. इनमें कई अब इंजीनियर और सरकारी सेवाओं में कार्यरत हैं. गरीब परिवारों के बच्चे, जिनके लिए कभी दो वक्त की रोटी भी कठिन थी, आज उच्च शिक्षा और नौकरियों तक पहुंच सके हैं. यही उपलब्धियां शिव लाल महतो के लिए सबसे बड़ा संतोष है.छात्रवृत्ति और प्रतियोगिताओं में सफलता
शिवलाल महतो ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर की छात्रवृत्ति परीक्षाओं में भी सैकड़ों बच्चों को सफलता दिलायी, जिससे उनकी पढ़ाई का आर्थिक बोझ कम हुआ.खेल, विज्ञान और संस्कृति में भी आगे
विद्यालय के छात्र खेलकूद, विज्ञान प्रदर्शनी, ओलंपियाड और पेंटिंग जैसी गतिविधियों में प्रखंड व जिला स्तर पर चयनित होते रहे हैं. शिवलाल महतो का मानना है कि बच्चों का सर्वांगीण विकास जरूरी है, इसलिए विद्यालय में नियमित सांस्कृतिक गतिविधियां भी करायी जाती हैं.संघर्ष जारी, लेकिन हौसला अडिग
बेहतर शैक्षणिक प्रदर्शन के बावजूद विद्यालय को आज भी भवन और शिक्षकों की कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. फिर भी शिवलाल महतो और उनकी टीम बच्चों को सर्वोत्तम देने की कोशिश में लगे हुए हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

